आज हम आपको नीट यूजी 2024 (NEET UG 2024) के ऑल इंडिया रैंक 1 होल्डर माजिन मंसूर के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इस परीक्षा में 720 में से पूरे 720 अंक प्राप्त किए हैं। दरअसल, पहले उनकी काउंसलिंग रैंक 1.05 थी, लेकिन टॉपर्स लिस्ट में बदलाव के बाद यह रैंक 1.03 हो गई। माजिन के अलावा 16 और छात्रों के नाम भी इस लिस्ट में शामिल था। माजिन का नीट यूजी 2024 परसेंटाइल 99.997129 था।
डॉक्टरों के परिवार से आते हैं माजिन
माजिन बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले हैं और उनकी उम्र 18 साल है। उनका परिवार मेडिकल पेशे से जुड़ा हुआ है। उनके पिता एक शिशु रोग विशेषज्ञ (पेडियाट्रिशियन) हैं और सऊदी अरब के सरकारी अस्पताल में काम करते हैं। उनके मामा, मामी, नाना और दादा भी डॉक्टर हैं। उनका बड़ा भाई सरजूग डेंटल कॉलेज, दरभंगा में BDS के चौथे साल में पढ़ रहा है। माजिन को डॉक्टर बनने की प्रेरणा भी अपने परिवार से ही मिली।
CBSE छोड़कर क्यों चुना बिहार बोर्ड?
आमतौर पर CBSE को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर माना जाता है, लेकिन माजिन ने 10वीं के बाद CBSE छोड़ दिया और बिहार बोर्ड से 12वीं की पढ़ाई दी। इसका कारण उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया – CBSE में हर विषय में प्रैक्टिकल और असाइनमेंट देना होता है, जिससे पढ़ाई का बोझ बढ़ता है। वहीं बिहार बोर्ड में फाइनल परीक्षा में प्रैक्टिकल नहीं होते। माजिन ने कहा कि उन्हें पता था कि बोर्ड के नंबर आगे चलकर ज्यादा मायने नहीं रखते, इसलिए उन्होंने प्रैक्टिकल्स का तनाव नहीं लिया। बिहार बोर्ड 12वीं 2024 में उन्हें 87% अंक मिले।
कैसे की तैयारी?
कक्षा 10वीं के बाद माजिन ने बिहार के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। उन्होंने कोचिंग के नोट्स और NCERT की किताबों से ही तैयारी की। उनका कहना है कि कोचिंग की वजह से उनकी पढ़ाई सही दिशा में चलती रही और कोई बैकलॉग नहीं रहा। कोचिंग दोपहर 1 बजे खत्म हो जाती थी, उसके बाद वे अपने कमरे में जाकर खुद से बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स की पढ़ाई करते थे। उन्होंने पढ़ाई का कोई टाइम टेबल नहीं बनाया, बल्कि हर टॉपिक को समय पर पूरा करने की कोशिश की। माजिन का मानना है कि कोचिंग की वजह से वे मोबाइल और दूसरी चीजों से दूर रह सके।
मॉक टेस्ट में अपनाई नई रणनीति
शुरुआत में मॉक टेस्ट के दौरान माजिन पहले बायोलॉजी, फिर केमिस्ट्री और अंत में फिजिक्स सॉल्व करते थे। बाद में उन्हें लगा कि ये तरीका उनके लिए सही नहीं है। फिर उन्होंने क्रम बदला और वे पहले केमिस्ट्री, फिर बायोलॉजी और अंत में फिजिक्स करने लगे। इससे उन्हें ज्यादा फायदा हुआ।
माजिन मंसूर की कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है जो मेडिकल की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर सही योजना, मेहनत और एकाग्रता से पढ़ाई की जाए तो कोई भी छात्र बड़ी सफलता हासिल कर सकता है, चाहे वह किसी भी बोर्ड से पढ़ रहा हो।