हरियाणा सरकार ने राज्य के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के उपायुक्तों (DM) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों को सरकार की नई एडवाइजरी से अवगत कराएं और उसके अनुपालन को सुनिश्चित करें। यह निर्देश छात्रों के हित में स्कूलों की मनमानी रोकने और शिक्षा को अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं।
ये हैं नए दिशा-निर्देश: हर स्कूल को करना होगा पालन
सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों के लिए जारी 6 प्रमुख दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं:
1. हर साल यूनिफॉर्म में बदलाव नहीं करें – स्कूलों को हर साल ड्रेस बदलने से मना किया गया है ताकि अभिभावकों पर नया खर्च न लादा जाए।
2. सिर्फ NCERT या CBSE की मान्य किताबें ही पढ़ाई जाएं – प्राइवेट पब्लिशर की महंगी किताबों का दबाव अभिभावकों पर न बनाया जाए।
3. ड्रेस और किताबों की खरीद पर जबरदस्ती नहीं – किसी एक खास विक्रेता से ड्रेस या किताबें खरीदने के लिए पेरेंट्स को मजबूर न किया जाए।
4. पुरानी किताबों को करें प्रोत्साहित – छात्रों को पुरानी किताबें इस्तेमाल करने से रोका न जाए, यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।
5. हर स्कूल में हो शुद्ध पेयजल की सुविधा – बच्चों को पानी पीने के लिए बोतल लाने पर मजबूर करना गलत है, स्कूल में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
6. स्कूल बैग का वजन सीमित रखें – बच्चों की उम्र और क्लास के अनुसार स्कूल बैग का अधिकतम वजन तय किया गया है।
किताबें और ड्रेस: महंगी खरीददारी पर सख्ती
सरकार ने कहा है कि कई प्राइवेट स्कूल मामूली बदलाव कर हर साल नई किताबें थोपते हैं, जिससे अभिभावकों को नई खरीदारी करनी पड़ती है। यह अनावश्यक आर्थिक बोझ है। सरकार ने स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे केवल NCERT या CBSE से मान्यता प्राप्त पुस्तकों को ही अपनाएं और पेरेंट्स को खास दुकानदारों से किताबें या ड्रेस लेने के लिए मजबूर न करें।
स्कूल में पानी की सुविधा अनिवार्य
कुछ स्कूल बच्चों को केवल अपनी बोतल से पानी पीने के लिए मजबूर कर रहे हैं। शिक्षा निदेशालय ने इसे पूरी तरह से गलत बताया है। स्कूलों को साफ और शुद्ध पानी की व्यवस्था हर हाल में करनी होगी ताकि कोई भी बच्चा प्यासा न रहे।
स्कूल बैग का वजन: तय किए गए स्टैंडर्ड
सरकार ने बैग के वजन को लेकर भी गाइडलाइन जारी की है। इसमें क्लास के अनुसार अधिकतम वजन तय किया गया है:
छोटे बच्चों पर भारी बैग लादना उनकी सेहत के लिए खतरनाक है, जिससे गर्दन और पीठ में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सरप्राइज चेकिंग और शिकायत प्रक्रिया
जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों की अचानक जांच (surprise inspection) करें और अगर कोई स्कूल नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही, सरकार ने सभी अधिकारियों को ई-मेल और मोबाइल नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि पेरेंट्स अपनी शिकायतें सीधे दर्ज करा सकें।
शिक्षा सेवा का क्षेत्र, मुनाफे का नहीं
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षा एक सेवा क्षेत्र है, न कि मुनाफा कमाने का जरिया। अधिकांश प्राइवेट स्कूल नॉन-प्रोफिट ऑर्गेनाइजेशन के रूप में रजिस्टर्ड हैं, और उन्हें उसी भावना से काम करना चाहिए। विभाग ने कहा है कि जो भी स्कूल शिक्षा को व्यापार बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
हरियाणा सरकार की इस पहल से राज्य में शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, अभिभावक-मित्र और छात्रों के अनुकूल बनाने की कोशिश की गई है। इन निर्देशों का पालन करना अब स्कूलों के लिए अनिवार्य होगा। अगर किसी स्कूल में अब भी मनमानी होती है, तो अभिभावक खुलकर शिकायत कर सकते हैं और बच्चों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।