भारत में इंजीनियरिंग एक बहुत ही लोकप्रिय करियर विकल्प है और समाज में इसे बहुत सम्मान दिया जाता है। कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग जैसे ट्रेडिशनल कोर्स तो बहुत प्रसिद्ध हैं, लेकिन अब नई-नई तकनीकों की वजह से कुछ नए कोर्स भी धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहे हैं। यहां B.Tech छात्रों के लिए पांच उभरते हुए करियर विकल्प दिए गए हैं, जिसमें अगर उन्हें एडमिशन मिल जाता है, तो वे आसानी से लाखों-करोड़ों में सैलरी पा सकेंगे।
1. डेटा साइंस और एनालिटिक्स:
B.Tech के बाद छात्र डेटा साइंस और एनालिटिक्स का कोर्स कर सकते हैं। इसमें सिखाया जाता है कि कैसे डेटा को संभालें, उसका एनालिसिस करें और उससे सही निर्णय लें। इस कोर्स में डेटा विज़ुअलाइजेशन, प्रोग्रामिंग, स्टैटिस्टिक्स और एल्गोरिदम पढ़ाया जाता है। इस फील्ड में डेटा साइंटिस्ट और इंजीनियर, बिजनेस, प्रोग्रामिंग और एनालिटिक्स की मदद से डेटा का सही उपयोग करते हैं।
2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML):
इस कोर्स में सिखाया जाता है कि कैसे AI और ML की मदद से स्मार्ट सिस्टम बनाए जाते हैं। इसमें डेटा निकालना, एल्गोरिदम और रोबोटिक्स जैसी चीजें शामिल होती हैं। यह फील्ड गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉग्निटिव साइंस और एम्बेडेड सिस्टम्स को मिलाकर बनाई गई है, जिससे ऐसे सिस्टम तैयार किए जाते हैं जो इंसानों की तरह सोच और काम कर सकें।
3. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी:
इस कोर्स में यह सिखाया जाता है कि ब्लॉकचेन कैसे काम करता है – जैसे कि डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर सिस्टम, क्रिप्टोग्राफी, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स आदि। इसमें छात्र सीखते हैं कि कैसे ब्लॉकचेन आधारित ऐप्स बनाए जाते हैं और इसे साइबर सिक्योरिटी, ई-गवर्नमेंट, और कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम में कैसे उपयोग किया जा सकता है।
4. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT):
इस कोर्स में कंप्यूटर साइंस, नेटवर्किंग, और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी सिखाई जाती हैं। साथ ही, सेंसर और स्मार्ट डिवाइस से डेटा लेने और भेजने की तकनीक भी सिखाई जाती है। IoT एक तेजी से बढ़ता हुआ फील्ड है, जहां स्मार्ट डिवाइस को इंटरनेट से जोड़कर उनके बीच डेटा का आदान-प्रदान किया जाता है।
5. रोबोटिक्स इंजीनियरिंग:
इस कोर्स में छात्रों को रोबोट बनाना, डिजाइन करना और प्रोग्राम करना सिखाया जाता है। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस की जानकारी दी जाती है। स्टूडेंट्स को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों तरीके से ट्रेनिंग दी जाती है – जैसे कि कंट्रोल सिस्टम, एम्बेडेड सिस्टम और थर्मोडायनामिक्स।