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Zomato Price Hike: क्या महंगी होगी Zomato की फूड डिलीवरी? बढ़ाए गए प्लेटफॉर्म चार्ज

Zomato Price Hike: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato ने त्योहारी सीजन के चलते फूड डिलीवरी पर प्लेटफॉर्म चार्ज को बढ़ा दिया। आइये इसका कारण जानते हैं।

Zomato
Zomoto Price Hike: जोमैटो एक फूड डिलीवरी ऐप है, जो भारत के हर कोने में लोगों के पसंदीदा खाने को उन तक पहुंचाता है। इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। फिलहाल प्लेटफॉर्म एक नए कारण के कारण चर्चा में है। जोमैटो ने त्योहारी सीजन के दौरान फूड डिलीवरी पर प्लेटफॉर्म फीस को बढ़ा दिया है। नोटिफिकेशन में जानकारी मिली है कि ये फीस कंपनी के बिल्स को कवर करने और इस व्यस्त समय में सर्विस को बनाए रखने में मदद करेगा। अब सवाल उठता है कि कस्टमर को कितना भुगतान करना होगा ? हम यहां आपके लिए इसका उत्तर लाए हैं। आइये इसके बारे में  जानते हैं।

कितना देना होगा शुल्क

जौमेटो ने  त्योहारी सीजन के दौरान अपने प्लेटफॉर्म फीस को 7 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया है। इसके लिए प्लेटफॉर्म ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें बताया गया है कि इस पैसों का इस्तेमाल कंपनी के बिल और व्यस्त समय में सर्विस को चालू रखने में किया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि जोमैटो ने 2023 अगस्त में बेहतर मार्जिन के लिए पहली बार प्लेटफॉर्म फीस की शुरुआत  की थी, जो 2 रुपये तय किया गया था। समय के साथ-साथ कंपनी ने इसे बढ़ाना शुरू कर दिया। वहीं 31 दिसंबर को इस शुल्क को कुछ समय के लिए बढ़ाकर 9 रुपये कर दिया गया था। [caption id="attachment_386824" align="aligncenter" ] Zomato[/caption] यह भी पढ़ें - 2025 में इंडियन इकोनॉमी 7 या 7.2% की दर से बढ़ेगी? डेलाइट का भारतीय अर्थवस्था को लेकर बड़ा दावा

कमाए करोड़ों रुपये

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाने से जोमैटो ने पिछले वित्त वर्ष में  64.7 करोड़ के ऑर्डर वॉल्यूम के आधार पर सालाना 65 करोड़ रुपये एक्स्ट्रा कमाए। 22 अक्टूबर को कंपनी ने अपने Q2 में मामूली मुनाफे की बात की। कंपनी ने इस तिमाही के दौरान ब्लिंकिट के 152 नए डार्क स्टोर जोड़े, जिससे अब इसकी कुल संख्या 791 हो गई। इसने कंपनी के रेवेन्यू को प्रभावित किया है और ब्लिंकिट से प्रॉफिट मार्जिन गिरकर 3.8% हो गया। वहीं अगर दूसरी तिमाही की बात करें तो कंपनी ने अपने रेवेन्यू में साल-दर-साल 69% का इजाफा देखा है, जो लगभग 4,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि इसका कारण कंपनी द्वारा टिकटिंग बिजनेस को टेकओवर करना हैं। बता दें कि कंपनी लगातार नए कॉम्पिटिशन का सामना कर रही है, जिसमें स्विगी सबसे आगे है।


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