दुनिया में कई देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश जापान मंदी की चपेट में आ गया है। जर्मनी ने जापान से विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा छीन लिया है। अगर अपने देश की अर्थव्यवस्था ऐसे ही आगे बढ़ती रही तो भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
जापान की जीडीपी में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे उनकी रैंकिंग पर असर पड़ा है। पिछले साल अक्टूबर-दिसबर में जापान की वार्षिक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 0.4 प्रतिशत तक गिर गई थी। साथ ही यूएस डॉलर के मुकाबले जापान की करेंसी येन की भी वैल्यू गिरी है।
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इस वक्त जापान की जीडीपी 4.2 ट्रिलियन डॉलर है, जिससे 4.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ जर्मनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। जापान एक पायदान नीचे खिसक कर जर्मनी के स्थान चौथे नंबर पर चला गया। इसे लेकर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रैंकिंग में उतार-चढ़ाव का मुख्य कारण जापान की अर्थव्यवस्था के बजाए करेंसी येन में गिरावट है।
बैंक ऑफ जापान की नेगेटिव ब्याज दर से जापान में आई मंदी
साल 2022 और 2023 में जापान के मुद्रा में आई गिरावट की वजह बैंक ऑफ जापान की नेगेटिव ब्याज दरें हैं, जिसका उद्देश्य मुद्रास्फीती को बढ़ाना है। फिच रेटिंग्स के अर्थशास्त्री ब्रायन कूल्टन ने कहा कि साल 2019 के बाद से जर्मनी के मुकाबले जापान की जीडीपी बेहतर प्रदर्शन कर रही थी।
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एक ओर दुनिया की टॉप थ्री रैंकिंग में अप-डाउन हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। ऐसे में अब भारत के पास जर्मनी और जापान को पछाड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अवसर है। वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स पर जारी आंकड़ों के अनुसार, 2028 में विश्व की अर्थव्यवस्था में टॉप वन पर चीन आ जाएगा और तीसरे नंबर पर भारत रहेगा। IMF के आंकड़ों के अनुसार, 2026 में जापान से और साल 2027 में जर्मनी से भारत आगे निकल सकता है, लेकिन दोनों देशों की स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।