Why File ITR After 15 June Is Best Time : इनकम टैक्स विभाग ने इनकम टैक्स फाइल करने के लिए अपने पोर्टल पर ITR फॉर्म ओपन कर दिए हैं। अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है तो 15 जून तक का इंतजार करें। अगर आप इससे पहले ITR फाइल करते हैं तो आपको इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस आ सकता है। दरअसल, कंपनियों में जॉब करने वाले लोगों को कंपनी की ओर से फॉर्म 16 दिया जाता है। इस फॉर्म में आपकी सैलरी और दूसरी चीजों की जानकारी होती है। अगर इसके बिना आप ITR फाइल करते हैं तो परेशानी में पड़ सकते हैं।
15 जून तक क्यों करें इंतजार
हर कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्मचारी को फॉर्म 16 मुहैया कराए। कंपनियां इस फॉर्म को मई से मुहैया कराना शुरू कर देती हैं। कंपनी के लिए लिए 15 जून तक यह फॉर्म हर हालत में अपने एम्प्लॉई को देना होता है। फॉर्म 16 इस बात का सबूत होता है कि कंपनी ने आपकी सैलरी में से जो TDS काटा है, उसे सरकार के पास जमा कराया है या नहीं। अगर आपकी कंपनी से 15 जून तक फॉर्म 16 न मिले तो कंपनी के एचआर से इस फॉर्म को देने के लिए कहें।
[caption id="attachment_712817" align="alignnone" ] Form 16 मिलने के बाद ही ITR फाइल करें।[/caption]
क्या है Form 16
अगर आप किसी कंपनी में जॉब करते हैं तो यह फॉर्म कंपनी की ओर से दिया जाता है। इसके दो पार्ट A और B होते हैं। कंपनी आपकी सैलरी से जो भी TDS काटती है और उसे सरकार के पास जमा कराती है। इस फॉर्म में यह सब जानकारी होती है। साथ ही इसमें कंपनी का TAN, असेसमेंट इयर, एंप्लॉई और कंपनी का PAN, अड्रेस, सैलरी ब्रेकअप, टैक्सेबल इनकम आदि की भी जानकारी होती है। साथ ही अगर आप रकम को कहीं इन्वेस्ट करते हैं और कंपनी को इसके बारे में बताया है तो इसकी भी जानकारी इसमें होती है। फॉर्म 16 आपकी इनकम का सबूत भी होता है।
ITR फाइल करते सम ये फॉर्म भी रखें साथ
PAN
आधार
आपके जितने भी बैंक अकाउंट हैं, सभी की 31 मार्च 2024 तक अपडेट हुई स्टेटमेंट या पासबुक तैयार रखें। हर बैंक अकाउंट में देखें कि सालभर में कितना बैंक इंट्रेस्ट दिया गया है। यह साल में चार बार दिया जाता है। सभी को जोड़ लें।
अगर आपकी कोई FD है तो बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर उसका Accrued Interest मालूम कर लें। ये दोनों तरह के ब्याज आपको रिटर्न फॉर्म में Income from Other Sources में दिखाने हैं।
रिटर्न में आपको Deduction under Chapter VI-A में भी 80C आदि की जानकारी देनी होती है, जिसके आधार पर आपको इनकम टैक्स में कटौती मिलती है। जैसे इंश्योरेंस, PPF, मेडिक्लेम, ट्यूशन फीस आदि।
होम लोन/ब्याज के सर्टिफिकेट (यह लोन देने वाली संस्था से मिल जाएगा) और खर्चों, निवेश के पेपर भी तैयार रखें।