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Union Budget 2025: New Tax Regime में इन 5 टैक्स पर मिलती है छूट; यहां चेक करें डिटेल

Union Budget 2025: नई कर व्यवस्था में कुछ महत्वपूर्ण कर छूटों को शामिल किया गया है, जिनमें स्टैंडर्ड डिडक्शन, NPS योगदान, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और दिव्यांग कर्मचारियों के लिए ट्रांसपोर्ट अलाउंस शामिल हैं। यह व्यवस्था उन टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद हो सकती है, जो कर बचाने के लिए अलग-अलग इन्वेस्टमेंट करने से बचना चाहते हैं।

Edited By : Ankita Pandey | Updated: Jan 31, 2025 20:58
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Income Tax Department

Union Budget 2025 New Tax Regime Benefits: 1 फरवरी को भारत सरकार अपना नया बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में लोगों के बीच नई टैक्स रिजीम को लेकर कुछ कन्फ्यूजन देखने को मिल रहा है। बता दें कि भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को लागू किया था। इसका उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरने के प्रोसेस को सरल बनाना और कम टैक्स रेट के माध्यम से राहत देना था। हालांकि, इस रीजीम में कई जरूरी टैक्स बेनिफिट्स और कटौतियां हटा दी गई हैं, जो पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) में उपलब्ध थीं। इनमें हाउस रेंट अलाउंस (HRA), सेक्शन 80C के तहत निवेश, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम और होम लोन के ब्याज पर छूट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यही कारण है कि टैक्सपेयर्स अभी भी पुरानी कर व्यवस्था को अधिक पसंद कर रहे हैं।

क्यों लाई गई नई कर व्यवस्था?

टैक्सस्पैनर के को-फाउंडर और सीईओ सुधीर कौशिक के अनुसार, नई कर व्यवस्था को इस उद्देश्य से लागू किया गया था कि करदाताओं को निवेश करने की बाध्यता से मुक्त किया जाए और यूटिलाइजेशन को बढ़ावा दिया जाए, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी। साथ ही, यह कर अनुपालन (Tax Compliance) को आसान बनाता है, क्योंकि इसमें इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट जमा करने की आवश्यकता नहीं होती।

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नई टैक्स रीजीम में मिलने वाले डिस्काउंट

हालांकि, नई कर व्यवस्था में कई कर छूट हटा दी गई हैं, फिर भी इसमें कुछ जरूरी टैक्स डिडक्शन और छूट दी गई हैं, जो करदाताओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction): सरकार ने नई कर व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया है। पुरानी कर व्यवस्था में भी यह 50,000 रुपये की सीमा में उपलब्ध थी।

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एम्प्लायर का एनपीएस योगदान (Employer’s Contribution to NPS): बता दें कि सेक्शन 80CCD(2) के तहत, नई कर व्यवस्था में एम्प्लायर के राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में किए गए योगदान पर कर छूट मिलती है। हालांकि, टैक्सपेयर के योगदान पर छूट की कोई व्यवस्था नहीं है।

दिव्यागों के लिए TA (Transport Allowance for Specially-Abled Person): विशेष रूप से सक्षम (Specially-Abled) कर्मचारियों को नई कर व्यवस्था में घर से ऑफिस तक आने-जाने के लिए टीए (Transport Allowance) पर टैक्स छूट मिलती है।

ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट (Exemption on Gratuity): ग्रेच्युटी  में आपको एकमुश्त अमाउंट मिलता है, जो कर्मचारी को किसी संस्था में कम से कम 5 साल पूरा करने के बाद छोड़ते समय दिया जाता है। नई कर व्यवस्था में सरकारी कर्मचारियों के लिए पूरी ग्रेच्युटी राशि टैक्स फ्री होती है। वहीं गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है।

लीव इनकैशमेंट पर छूट (Exemption on Leave Encashment): कई संस्थाओं में कर्मचारियों को उनकी लीव इनकैशमेंट के लिए भुगतान किया जाता है, जिसे वे इस्तीफा देने या रिटायरमेंट के समय कैश कर सकते हैं। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों के लिए पूरी लीव इनकैशमेंट राशि टैक्स फ्री होती है। वहीं गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए कर छूट की सीमा अलग-अलग निर्धारित की गई है।

नई कर व्यवस्था उन करदाताओं के लिए फायदेमंद हो सकती है, जो कम टैक्स स्लैब में आते हैं और कर बचाने के लिए अलग-अलग इन्वेस्टमेंट प्लान में पैसा नहीं लगाना चाहते। वहीं, जो करदाता सेक्शन 80C, HRA, होम लोन ब्याज और अन्य कटौतियों का लाभ उठाना चाहते हैं, उनके लिए पुरानी कर व्यवस्था अधिक फायदेमंद हो सकती है।

यह भी पढ़ें – Union Budget 2025: गोल्ड से लेकर इनकम टैक्स तक, पूर्व वित्त सचिव ने बताया बजट से क्या है उम्मीद

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Ankita Pandey

First published on: Jan 31, 2025 08:58 PM

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