TrendingInd Vs AusIPL 2025year ender 2024Maha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025bigg boss 18

---विज्ञापन---

Union Budget 2023: बजट का क्या है नफा-नुकसान, अर्थशास्त्री से 10 पॉइंट्स में समझिए पूरी बात

Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट (Union Budget 2023) जारी किया। यह सीतारमण का 5वां और मोदी सरकार का 10वां बजट है। एक घंटे 27 मिनट तक संसद में वित्त मंत्री ने बजट भाषण दिया। जिसमें उन्होंने बजट से जुड़ी कई खूबियां गिनाई। फिलहाल विरोधी दलों ने […]

एक घंटे 27 मिनट तक संसद में वित्त मंत्री ने बजट भाषण दिया। जिसमें उन्होंने बजट से जुड़ी कई खूबियां गिनाई।
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट (Union Budget 2023) जारी किया। यह सीतारमण का 5वां और मोदी सरकार का 10वां बजट है। एक घंटे 27 मिनट तक संसद में वित्त मंत्री ने बजट भाषण दिया। जिसमें उन्होंने बजट से जुड़ी कई खूबियां गिनाई। फिलहाल विरोधी दलों ने इस बजट को निर्मला सीतारमण का निर्मम बजट करार दिया तो वहीं सरकार के मंत्री-नेताओं ने इसे समावेशी बताया। लेकिन एक अर्थशास्त्री की नजर में यह बजट कैसा है, इस पर बात करने के लिए News24 ने लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफसर अरविंद मोहन से बात की। उन्होंने बेहद आसान भाषा में इसका नफा और नुकसान बताया। आप भी पढ़िए...

पहले बात बजट की खूबियों की...

1- प्रोफेसर अरविंद मोहन ने कहा कि यह बजट ग्रोथ ओरिएंटेड है। रेलवे को 2.4 करोड़ रुपए दिया गया है। पीएम आवास योजना का बजट बढ़ाया है। कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 10 लाख करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार ने फोकस किया है। 2- हर साल तीन लाख करोड़ रुपए का खाद्यान्न सड़ जाता है। वजह स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है। बजट में कोल्ड स्टोरेज बनाने की बात हुई है। हालांकि लोकेशन का जिक्र नहीं किया गया है। बजट में एग्रीकल्चर स्टार्टअप की बात की गई है। यदि इस दिशा में तेजी आती है तो भविष्य में इसका असर टेक्नोलॉजी में दिखेगा। 3- कोआपरेटिव सोसाइटी और कोआपरेटिव मूवमेंट के जरिए छोटे किसानों के जीवन में सुधार लाया जा सकता है। इस पर बात शुरू हुई है। यूपी कृषि उत्पादन में बड़ा प्रदेश है। यहां के कुल किसानों में 85 फीसदी लोग छोटे किसान हैं। इन्हें कोआपरेटिव मूवमेंट से ही आगे ले जाया जा सकता है। इसलिए सेकेंड रूरल इंक्वायरी कमेटी को पूर्ण करना होगा। यह बड़ा टेकअवे होगा। 4- कोविड काल में एग्रीकल्चर ने भारत को काफी सपोर्ट किया। लेकिन एग्रीकल्चर में GDP बढ़ाने की जरूरत है। कृषि और कृषि शिक्षा का बजट इस बार करीब 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए है। 5- सरकार ने बजट में मिडिल क्लास को भी राहत दी है। नई टैक्स प्रणाली में 7 लाख रुपए तक की इनकम में कोई टैक्स नहीं लगेगा। डायरेक्ट टैक्स से 20 लाख रुपए से कम कमाने वालों को काफी फायदा मिलने वाला है।

अब नुकसान की बात करते हैं...

1- एग्रीकल्चर सेक्टर में सेकेंड जनरेशन रिफार्म की बात हो रही है। यह एक बड़ा चैलेंज है। 1991 में पहला रिफार्म किया गया था। इसके बाद तत्काल दूसरा रिफार्म हो जाना चाहिए था। क्योंकि एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ अपेक्षा के अनुसार नहीं है। 2- देश में महंगाई बढ़ रही है। 29 से 30 फीसदी महंगाई कृषि उत्पादों के चलते आ रही है। दूसरा बड़ा कारण पेट्रो पदार्थ हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए काेई बात नहीं हुई है। 3- इस देश का पिछले 70 साल का अनुभव रहा है कि डायरेक्ट अटैक ऑन पॉवर्टीपर करना होगा। 1970 में ग्रोथ कम थी, तब 0.4 रोजगार मिलता था। आज एक फीसदी ग्रोथ होती है तो रोजगार 0.04 फीसदी मिलती है। जॉबलेस ग्रोथ हो रही है। इसमें सुधार करना है। 4- IMF का दावा है कि भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलता में रफ्तार पकड़ेगी। लेकिन यह ग्रोथे 140 करोड़ भारतीयों के लिए नहीं है। कुछ लोगों तक ही सीमित है। हम 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं, लेकिन पहले समझना होगा कि क्या इसकी जरूरत है? जब तक आम आदमी को रोजगार नहीं मिलेगा वह ग्रोथ से दूर रहेगा। डायरेक्ट जॉब देना होगा। 5- हमें चीन से सीखना चाहिए कि वह स्ट्रक्चरल चैलेंज से जूझ रहा है। यही वजह है कि उसकी इकॉनमी नीचे आ रही है। यही चैलेंज हमारे साथ भी है। रूरल और ह्यूमन डेवलपमेंट करना होगा तभी ग्रोथ डबल डिजिट में आएगी। यह भी पढ़ें:Rajasthan Budget: निमोनिया से पीड़ित है CM गहलोत, अब 8 की जगह इस तारीख को पेश करेंगे बजट


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.