Stock Operating in Share Market: शेयर मार्केट में अक्सर आप लोगों ने देखा होगा कि किसी शेयर के भाव एकदम से ऊपर हो जाते हैं और अगले ही दिन एकदम से नीचे चले जाते हैं। दरअसल ऐसा होना नॉर्मल बात है। शेयर बाजार में डिमांड और सप्लाई का रूल काम करता है। किसी शेयर की अगर डिमांड ज्यादा रहेगी तो उसके प्राइस बढ़ जाते हैं और अगर किसी शेयर की डिमांड कम रहेगी तो प्राइस नीचे चले जाते हैं। लेकिन कभी प्राइस ऊपर और नीचे होना किसी धोखे-धड़ी का भी रिजल्ट होता है। क्या है पूरा मामला? चलिए बताते हैं।
स्टॉक ऑपरेटर करते हैं धोखधड़ी
शेयर मार्केट में एक स्टॉक ऑपरेटर नाम की बात होती है, जो किसी-किसी स्टॉक यानी शेयर को मेनुप्लेट करते हैं। यानी अपनी मर्जी से उसके प्राइस को ऊपर कर देते हैं और फिर जब चाहे तब उसे नीचे कर देते हैं। ऐसा शेयर अगर आपने लिया होता है तो आप को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए ऐसे शेयरों से बचकर आपको रहना चाहिए।
स्टॉक ऑपरेटर काम कैसे करते हैं?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि स्टॉक ऑपरेटर काम कैसे करते हैं? मान लीजिए मिस्टर X ने एक ₹5 वाला शेयर लिया। जिसकी डिमांड बहुत ही कम है। मिस्टर एक्स ने उसके कई हजार शेयर ले लिए। अब एकदम से शेयर में खरीदारी होने से उसे शेयर के भाव ऊपर चलेंगे। आपने देखा कि फलां शहर के भाव बढ़ रहे हैं तो आपके मन में भी एक सवाल आया कि क्यों ना इसके शेयर ले लिए जाएं। और बाद में मुनाफा कमाया जाए। ऐसे में अगर वह आप शेयर खरीद लेते हैं और तभी मिस्टर X अपने सभी शेयर बेच देता है तो आपको इसका घाटा होना तय है।
स्टॉक ऑपरेटर की पहचान कैसे करें?
अब ये जानिए कि इन शेयरों की पहचान कैसे करें? स्टॉक ऑपरेटर हमेशा छोटे शेयरों को ही टारगेट करते हैं। जिसे हम पेनी स्टॉक्स कहते हैं। तो इसलिए पूरी कोशिश कीजिए कि पेनी स्टॉक से आप दूर रहें। किसी बड़ी कंपनी या फिर अपनी जानी हुई कंपनी पर ही दावा खेलें। अगर ऐसा करते हैं तो करोड़ों लाखों रुपए के चूने से आप बच जाएंगे।