Stock Market Update: शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए मंगलवार का दिन ‘ब्लैक ट्यूसडे’ साबित हुआ। इस दौरान, शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली और एक ही झटके में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। कारोबार की शुरुआत से ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी दबाव में नजर आ रहे थे और ढलते दिन के साथ गिरावट बड़ी होती चली गई।
ऐसी रही क्लोजिंग
हाल के दिनों में मार्केट का मूड बनाने वालीं कुछ खबरें सामने आई हैं, जैसे कि रेपो रेट में कमी लेकिन इसके बावजूद मार्केट लाल ही बना हुआ है। एक समय सेंसेक्स 1200 और निफ्टी 300 अंकों से अधिक टूट गए थे, लेकिन बाद में कुछ रिकवरी करने में कामयाब रहे। सेंसेक्स 1,018.20 पॉइंट्स गिरकर 76,293.60 और निफ्टी 309.80 पॉइंट्स टूटकर 23,071.80 पर बंद हुआ। इस गिरावट से BSE पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में तगड़ी गिरावट आई और निवेशकों ने एक ही झटके में 10 लाख करोड़ रुपए गंवा दिए।
इसलिए चिंता की बात
मार्केट में निवेश करने वालों का पोर्टफोलियो लगातार कमजोर हो रहा है, क्योंकि बाजार मंदी के दौर से बाहर नहीं निकल पा रहा है। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, निफ्टी आईटी और निफ्टी मेटल जैसे इंडेक्स भी कमजोरी का सामना कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में थोड़ी बहुत गिरावट आम है, लेकिन लगातार बाजार का कमजोर रहना चिंता का विषय है।
FIIs की बिकवाली
बाजार की कमजोरी की एक बड़ी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली है। पहले माना जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद विदेशी निवेशकों का रुख वापस भारत की तरफ मुड़ सकता है। क्योंकि ट्रंप चीन के खिलाफ सख्त रहेंगे। लेकिन ऐसा अब तक देखने को नहीं मिला है। लगातार बिकवाली से बाजार की स्थिरता प्रभावित हो सकती है। घरेलू निवेश में तेजी आई है, लेकिन FIIs की वापसी मार्केट में जोश भरने के लिए जरूरी है।
ट्रंप टैरिफ की चिंता
शेयर मार्केट में गिरावट की दूसरी प्रमुख वजह डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर उपजी चिंता है। ट्रंप ने अब सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर भी अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ के फैसले का मेक्सिको, ब्राजील, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे देशों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। धातु की कीमतें लंबे समय तक नरम बनी रह सकती हैं। जबकि डंपिंग को लेकर चिंताओं के कारण स्टील पर नए टैरिफ भारत को भी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे मेटल स्टॉक्स में तेज गिरावट आ सकती है।
दबाव में बड़े इंडेक्स
ऑटो, रियल्टी और फार्मा स्टॉक्स में गिरावट से भी मार्केट दबाव में आया है। इन शेयरों में नरमी की मुख्य वजह तीसरी तिमाही में उम्मीद से कम आय और आगामी वित्त वर्ष के लिए कमजोर अनुमान है। इस वजह से निवेशक घबराहट में बिकवाली कर रहे हैं। स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयरों बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बैंकिंग स्टॉक्स भी दबाव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स आज 2.17% की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ है।
रुपये की कमजोर सेहत
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई तेज गिरावट ने भी दलाल स्ट्रीट पर निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। भले ही आज रुपये में सुधार हुआ। लेकिन यह दबाव में बना हुआ है, जिससे विदेशी निवेशकों ने अपनी होल्डिंग्स बेचनी शुरू कर दी है। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से डॉलर मजबूत हो रहा है और उसकी तुलना में भारतीय रुपया कमजोर हुआ है।