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सेंसेक्स 1062 अंक गिरा; निवेशकों के 7 लाख करोड़ रुपये डूबे, शेयर मार्केट गिरने के ये हैं 5 कारण

Know The 5 Reason of Sensex Fall 1062 Points : शेयर मार्केट में गिरावट का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को भी शेयर मार्केट में जबरदस्त गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों लाल निशान पर बंद हुए। इस गिरावट के साथ निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।

गुरुवार को Share Market में गिरावट आई।
Know The 5 Reason of Sensex Fall 1062 Points : शेयर मार्केट इस समय मुनाफावसूली के कारण भारी गिरावट के दौर से गुजर रही है। गुरुवार को भी इसमें जबरदस्त गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में जहां 1062 अंक गिरा तो वहीं निफ्टी भी 345 अंक गिर गया। इस गिरावट के साथ सेंसेक्स 72,404.17 अंक और निफ्टी 21,957.50 अंक पर बंद हुआ। शेयर मार्केट की इस गिरावट के चलते निवेशकों को 7.3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

इन शेयरों में आई गिरावट

सबसे ज्यादा गिरावट एलएंडटी के शेयर में देखने को मिली। इस शेयर में 6 फीसदी की गिरावट आई। वहीं दूसरे नंबर पर एशियन पेंट्स के शेयर रहे। इनमें 4.68 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी पर भी एलएंडटी के शेयर सबसे ज्यादा (5.36 फीसदी) गिरे। [caption id="attachment_704362" align="alignnone" ] गुरुवार को Share Market में गिरावट आई।[/caption]

ये रहे फायदे में

इतनी गिरावट के बाद भी टाटा मोटर्स के शेयरों ने निवेशकों को फायदा दिया। यह शेयर 1.77 फीसदी चढ़ गया। दूसरे नंबर पर महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर रहे। इनमें 1.37 फीसदी की बढ़त देखी गई। निफ्टी में हीरो मोटोकॉर्प छाया रहा। इसने सबसे ज्यादा रिटर्न (5.44 फीसदी) दिया। दूसरे नंबर पर टाटा मोटर्स के शेयर रहे। इन्होंने 2.36 फीसदी का रिटर्न दिया।

ये रहे मार्केट गिरने के 5 कारण

1. विदेशी निवेशकों का शेयर बेचना

गुरुवार को विदेशी निवेशकों ने काफी संख्या में शेयर बेचे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इस महीने काफी विदेशी निवेशकों ने शेयर मार्केट में शेयर बेचकर मुनाफावसूली की है।

2. सालाना करेक्शन भी कारण

टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन बताते हैं कि शेयर मार्केट में पिछले कुछ समय में काफी तेजी देखी गई है। ऐसी तेजी मार्केट के लिए सही नहीं है। मार्केट का रिकॉर्ड है कि यह लगभग हर साल मई में गिरती है यानी कह सकते हैं कि इसमें इस तरह का करेक्शन आता है। यह मार्केट में बैलेंस बनाए रखने के लिए जरूरी भी है। इसलिए इस समय गिरावट का कारण मार्केट का करेक्शन करना हो भी हो सकता है। इस गिरावट को देखकर काफी निवेशक अपने शेयर बेच रहे हैं। हालांकि यह बिकवाली फ्रंटलाइन लार्ज-कैप शेयरों में ही दिखाई दे रही है।

3. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी

पिछले कुछ समय से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ब्रेंट क्रूड ऑइल की कीमत में पिछले कारोबारी सत्र में 0.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे यह 84 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। वहीं WTI क्रूड की कीमत भी 79 डॉलर प्रति बैरल है।

4. चौथी तिमाही के खराब नतीजे

लगभग सभी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के नतीजे घोषित कर दिए हैं। ज्यादातर कंपनियों के नतीजे खराब रहे हैं। ऐसे में काफी निवेश इन कंपनियों के शेयर बेचकर निकल रहे हैं, जिसका असर शेयर मार्केट में गिरने पर पड़ रहा है। यह भी पढ़ें : Energy Mission Machineries कंपनी का आया IPO, इन तीन में अप्लाई करने का आखिरी दिन

5. अमेरिकी फेड का आक्रामक रुख

शेयर मार्केट की गिरावट में अमेरिका भी जिम्मेदार है। दरअसल, हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कुछ अधिकारियों ने आक्रामक बातें की हैं। इससे भारतीय शेयर मार्केट पर दबाव बढ़ गया है। इसका असर भी शेयर मार्केट पर दिखाई दिया।


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