Oreo Maker Mondelez Hit With Huge Fine : ओरियो बिस्किट बनाने वाली कंपनी मॉन्डेलेज (Mondelez) पर यूरोपीय यूनियन (EU) ने 36.60 करोड़ डॉलर (लगभग 3048 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। कंपनी के खिलाफ यह एक्शन इसलिए लिया गया है क्योंकि इसने 37 देशों वाले ब्लॉक ईयू में अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी थी। बता दें कि पहले क्राफ्ट (Kraft) के नाम से जानी जाने वाली ये कंपनी चॉकलेट, बिस्किट्स और कॉफी के दुनिया में सबसे बड़े प्रोड्यूसर्स में से एक है।
EU Commission issues Oreo maker Mondelez hefty fine for blocking cross-border sale pic.twitter.com/bYyuX7KdZN
---विज्ञापन---— Good Morning Asheville (@goodmorningavl) May 23, 2024
ईयू की कॉम्पिटीशन कमिश्नर मार्ग्रेथ वेस्टैगर ने कहा कि मॉन्डेलेज पर जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि वह चॉकलेट, बिस्किट्स और कॉफी प्रोडक्ट्स का यूरोपीय यूनियन के अंदर क्रॉस बॉर्डर ट्रेड पर प्रतिबंध लगाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे कंज्यूमर्स को नुकसान पहुंचा है जिन्हें इन प्रोडक्ट्स के लिए दोगुना भुगतान करना पड़ रहा है। यह मामला ग्रॉसरीज की कीमत को लेकर है। यूरोपीय नागरिकों के लिए यह चिंता का विषय है। बता दें कि सामग्रियों का फ्री मूवमेंट ईयू की सिंगल मार्केट का एक प्रमुख स्तंभ है।
कंपनी ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया
कमीशन का कहना है कि मॉन्डेलेज ने अपनी डॉमिनेंट पोजिशन का दुरुपयोग किया है। यह साल 2012 से 2019 के बीच एंटी-कॉम्पिटीटिव एग्रीमेंट्स में शामिल रही है। इस दौरान इसने होलसेल कस्टमर की प्रोडक्ट को दोबारा बेचने की क्षमता सीमित की और उन्हें घरेलू बिक्री की तुलना में एक्सपोर्ट्स के लिए ऊंचे दाम लगाने का आदेश दिया। मॉन्डेलेज ने जर्मनी में एक ट्रेडर को प्रोडक्स सप्लाई करने से भी इनकार किया ताकि ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया और रोमानिया में रीसेल से बचा जा सके जहां कीमतें ऊंची हैं।
Trade over borders of member states in the #Single #Market can lower prices and increase the selection of products for consumers. Today we have fined @MDLZ €337.5 million for illegally limiting cross-border sales across 🇪🇺👇https://t.co/eSJOMCFta6
— Margrethe Vestager (@vestager) May 23, 2024
इसके साथ ही कंपनी ने अपने कुछ चॉकलेट प्रोडक्ट्स की नीदरलैंड्स में सप्लाई भी रोकी ताकि उन्हें बेल्जियम इंपोर्ट न किया जा सके। बता दें कि नीदरलैंड्स में कंपनी इन्हीं प्रोडक्ट्स को महंगे दाम पर बेचती है। हालांकि, जुर्माने को लेकर मॉन्डेलेज ने अनुरोध किया है कि ये घटनाएं बीते समय की बात हैं, अब ऐसा नहीं है। इसने कहा कि इनमें से कई घटनाएं ब्रोकर्स के साथ बिजनेस डीलिंग से संबंधित थीं। उल्लेखनीय है कि मॉन्डेलेज ने पिछले साल 3600 करोड़ डॉलर (2,99,813 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू कमाया था।
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