Online Shopping Data: ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। शहरों में ज्यादातर लोग क्विक सर्विस के लिए Blinkit, Zepto, इंटा मार्ट जैसी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब सरकार कंपनियों से उनके कस्टमर्स का डेटा लेने की तैयारी में है। इससे सरकार ऑनलाइन खरीदारी करने वालों पर नजर रख सकेगी। इसके जरिए सरकार देश की जीडीपी को समझने की कोशिश करेगी।
क्या है सरकार का प्लान?
ब्लिंकिट, जेप्टो, इंस्टामार्ट, जैसे प्लेटफॉर्म से शॉपिंग करने वालों पर सरकार की नजर है। इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, GDP को समझने के लिए भारत सरकार कस्टमर्स का डेटा मांग सकती है। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि सरकार को इससे कस्टमर्स के कंजप्शन पैटर्न और उसके आर्थिक बदलाव को समझमे में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी कंपनियों से बात की जाएगी, ताकि कस्टमर्स का डेटा लिया जा सके। इससे देश की GDP को समझने में आसानी होगी।
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ऑनलाइन खरीदारी का बढ़ा चलन
पिछले दो साल में भारत में ऑनलाइन शॉपिंग में काफी तेजी देखने को मिली है। कोरोना के समय में लोग जब घरों से बाहर नहीं निकलते तब इसका चलन बढ़ा। अनुमान लगाया गया कि देश में ऑनलाइन किराना बिक्री में इसका योगदान लगभग 40 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2021-23 के दौरान इस सेगमेंट में 230 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली। जिसमें सबसे ज्यादा खरीदारी ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट और जेप्टो से की गई।
रिपोर्टस के मुताबिक, देश में कुल घरेलू किराना खर्च में क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म की हिस्सेदारी अभी 5 से 6 प्रतिशत तक है। इसको देखते हुए ही सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय नेशनल अकाउंट्स स्टेटिस्टिक्स पर सलाहकार समिति के सामने ये बात रख सकता है। इसके अलावा क्विक कॉमर्स के अलावा माल और सेवा कर (GST) डेटा को देखने की भी योजना बनाई जा रही है।
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