2 रुपए की नौकरी से हासिल किया 2000 करोड़ रुपए का टर्नओवर, पढ़ें पद्मश्री कल्पना सरोज की संघर्ष से भरी कहानी
kalpna saroj
Kalpana Saroj Success Story: अगर पूरी मेहनत और विश्वास के साथ काम किया जाए तो मंजिल को पाना मुश्किल नहीं है। मंजिल के रास्ते में कई बार बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इनसे सीखकर आगे बढ़ाना चाहिए। आज हम ऐसी ही एक महिला की बात करने जा रहे हैं जिनकी मंजिल के रास्ते में कई परेशानियां आईं, पर उन्होंने इनसे हार मानने के बजाय इसे जीतकर दिखाया है। हम बात कर रहे हैं, पद्मश्री से सम्मानित कल्पना सरोज की जिन्होंने लाख कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को मंजिल तक पहुंचाया। अपने दलित बैकग्राउंड की वजह से उन्हें बहुत-सी सामाजिक दिक्कतों और वित्तीय संकट को झेलना पड़ा है। आइए जानते हैं, कल्पना सरोज की संघर्ष गाथा।
कई कंपनियों की मालकिन
कल्पना सरोज सात अलग-अलग बिजनेस कंपनियों की मालकिन हैं। वह एक भारतीय उद्यमी और टेडएक्स वक्ता हैं। मुंबई, भारत में कमानी ट्यूब्स की अध्यक्ष भी हैं लेकिन यह सफलता सिर्फ एक रात में नहीं मिली, इनके लिए कल्पना सरोज को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है।
सामाजिक भेदभाव
कल्पना सरोज का जन्म महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ था। कल्पना को शुरुआत से ही सामाजिक भेद-भाव का सामना करना पड़ा, लेकिन अपने बुलन्द हौसले और आत्म विश्वास से कल्पना ने अपनी मंजिल को पाया है।
प्रताड़ना का सामना किया
कल्पना सरोज की 12 साल की उम्र में ही शादी कर दी गई थीं। जहां कल्पना के ससुराल वाले उनको काफी प्रताड़ित और परेशान किया करते थे, जिनकी वजह से कल्पना ने अपनी शादी तोड़ दी और घर वापस आ गई। शादी तोड़कर घर वापस आने के बाद उनको मायके के लोगों की कई बातों का सामना करना पड़ता था।
2 रुपए सैलरी की नौकरी
कल्पना ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थीं। शादी तोड़ने के बाद कल्पना ने नौकरी करने का फैसला लिया। उन्होंने गारमेंट फैक्ट्री में काम किया। जहां उनकी सैलरी 2 रुपए थी। इसके बाद मुम्बई के एक अस्पताल में नर्स का काम किया, लेकिन उनको इन कामों से कभी संतुष्टि नहीं मिली। वह अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती थीं।
बिजनेस की शुरुआत
बिजनेस की शुरुआत कल्पना ने अपनी सिलाई मशीन को बेच कर की थी। बिजनेस चल गया और कल्पना को लाभ होना शुरू हो गया। बिजनेस से हुए लाभ से कल्पना ने एक फर्नीचर बिजनेस की शुरुआत की।
कमानी ट्यूब्स कंपनी की शुरुआत
कल्पना ने एक फिल्म प्रोडक्शन हाउस KS शुरू किया। KS फिल्म्स के बैनर तले बनने वाली पहली फिल्म 3 भाषाओं में ट्रांसलेट की गई थी। इसके बाद कल्पना ने स्टील पाइप बनाने वाली एक कंपनी की शुरुआत की। कमानी ट्यूब्स स्टील पाइप बनाने वाली एक कंपनी है। 1985 में उन्हें कमानी ट्यूब्स कंपनी की वजह से भारी नुकसान झेलना पड़ा था, लेकिन कल्पना ने हार नहीं मानी और कंपनी को सफलतापूर्वक लाभ में वापस लाया।
पद्मश्री से सम्मानित
कल्पना सरोज को सिविलियन अवॉर्ड पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। कल्पना सरोज ने बिजनेस करते हुए सामाजिक कार्यों को भी किया हैं। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने, शिक्षा को बढ़ावा देने, जाति आधारित भेदभावों जैसी चुनौतियों से लड़ने के लिए मुख्य रूप से काम किया है।
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