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ट्रैवल एजेंसी से एविएशन इंडस्ट्री में एंट्री, करोड़ों के फ्रॉड में फंसे Jet Airways के फाउंडर नरेश गोयल की Story

Jet Airways Founder Naresh Goyal Fall Story: एक शख्स 90 के दशक की शुरुआत में पेशे से टिकट एजेंट होता है। फिर शख्स की एविएशन इंडस्ट्री में एंट्री करता है और ‘द जॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन के साथ Jet Airways की शुरुआत करता है। एक वक्त ऐसा आता है, जब  Jet Airways के पास […]

जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल। -फाइल फोटो

Jet Airways Founder Naresh Goyal Fall Story: एक शख्स 90 के दशक की शुरुआत में पेशे से टिकट एजेंट होता है। फिर शख्स की एविएशन इंडस्ट्री में एंट्री करता है और 'द जॉय ऑफ फ्लाइंग' टैग लाइन के साथ Jet Airways की शुरुआत करता है। एक वक्त ऐसा आता है, जब  Jet Airways के पास 100 से ज्यादा प्लेन थे, लेकिन जब कंपनी बंद हुई तो केवल 16 प्लेन रह गए थे। कंपनी पर घाटा का दायरा 5535.75 करोड़ तक पहुंच गया था। ये पूरी कहानी Jet Airways के फाउंडर नरेश गोयल की है।

Jet Airways के फाउंडर Naresh Goyal को जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये के फ्रॉड से जुड़ा है। नरेश गोयल को आज मुंबई में स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया जा सकता है। ED ने 19 जुलाई को गोयल के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। पढ़ें पूरी खबर...

30 साल पहले दो बोइंस 737 से शुरू किया सफर

कहानी 30 साल पहले यानी 1993 में शुरू होती है। ये वो समय था जब नरेश गोयल ट्रैवल एजेंसी चलाते थे। एविएशन इंडस्ट्री में एट्री के दौरान उनके पास सिर्फ दो बोइंग 737 था। नरेश गोयल ने देश की पहली प्राइवेट एयरलाइंस शुरू की थी। कुछ ही समय बाद जेट एयरवेज ने अपनी पहचान बना ली। कंपनी जब टीनएज में पहुंची, यानी जेट एयरवेज जब 13 साल की हुई तो 2006 में नरेश की जेट एयरवेज ने सहारा एयरलाइन को करीब 2,250 करोड़ में खरीद लिया। ये उस दौर की सबसे बड़ी एविएशन डील थी। इस बड़ी डील के बाद ही जेट एयरवेज का पतन शुरू हो गया। 2008 में आई मंदी ने एयरलाइंस कंपनी की ताबूत में आखिरी कील ठोंक दिया। दौर ऐसा आया कि कंपनी को बैंक से मोटी रकम कर्ज लेनी पड़ी।

एयरलाइन एतिहाद ने साथ दिया, लेकिन बात नहीं बनी

इस दौर में जेट एयरवेज को किसी ऐसे हाथ की तलाश थी जो उसे कर्ज और घाटे से बाहर निकाले, उसका साथ दे। इसी दौरान एयरलाइन एतिहाद ने जेट एयरवेज के 24 फीसदी शेयर खरीदे, लेकिन कोई चमत्कार नहीं हुआ। कर्ज का भार और घाटे का दायरा इतना बढ़ गया कि एयरलाइंस कंपनी को 17 अप्रैल 2019 में अपने विमान खड़े करने पड़ गए। बता दें कि फिलहाल, जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ग्रुप (JKC) ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत जेट एयरलाइन पर मालिकाना हक हासिल किया है। JKC ने जून 2021 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत बोली लगाकर मालिकाना हक हासिल किया था। लेकिन कुछ पेंच ऐसे फंसे हैं, जिसकी वजह से एयरलाइन उड़ान नहीं भर पा रही है।

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