Indian Railways General Ticket Rule: अगर कभी आपको जनरल टिकट लेने के बाद भी जुर्माना भरना पड़ा है, तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, कई बार जनरल टिकट लेकर यात्री किसी भी ट्रेन में चढ़ जाते हैं, जब टीटीई आता है तो यात्री को भारी जुर्माना भरना पड़ता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपने जिस ट्रेन के लिए टिकट लिया है, वो सिर्फ उसी टिकट के लिए मान्य होगा।
इसे आसान भाषा में ऐसे समझ सकते हैं। मनोज (काल्पनिक नाम) को रक्षाबंधन पर ट्रेन से घर जाना है। रिजर्वेशन नहीं मिला तो सोचा कि जनरल टिकट लेकर सफर कर लेते हैं। मनोज ने विंडो से जनरल टिकट ले लिया और घर जाने के लिए ट्रेन में सवार हो गया।
कुछ किलोमीटर दूर जाने के बाद पता चला कि जिस ट्रेन में वो सफर कर रहा है, वो कुछ घंटे लेट हैं, लेकिन पीछे से आ रही ट्रेन टाइम पर है और वो ट्रेन मनोज के घर के पास वाले स्टेशन पर रूकती भी है। इसके बाद मनोज पहले वाली ट्रेन से उतरकर पीछे से आ रही ट्रेन में सवार हो जाता है। कुछ दूरी के बाद टीटीई आता है, मनोज टिकट भी दिखाता है, लेकिन उसे भारी जुर्माना देना पड़ जाता है।
आखिर मनोज को जुर्माना क्यों भरना पड़ा?
दरअसल, रेलवे का नियम है कि जिस ट्रेन का टिकट लिया है, उसी ट्रेन से आपको यात्रा करनी होगी। टिकट जारी करते वक्त, उस पर ट्रेन की कैटेगरी (एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, मेल) लिखी होती है। साथ ही टाइम भी लिखा होता है। साधारण यात्री को ये समझ नहीं आता है, लेकिन टीटीई को ये सब पता होता है, जिससे वो पकड़ा जाता है, जुर्माना देना पड़ता है। अगर जुर्माना नहीं देता है तो उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।
ऐसे में जनरल टिकट लेकर सफर करने वाले एक और उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए कि मनोज ने किसी सुपरफास्ट ट्रेन में स्लीपर कोच में या फिर एसी कोच में अपना टिकट कराया है। किसी कारणवश ट्रेन लेट हो जाती है। ऐसे में मनोज किसी अन्य ट्रेन के स्लीपर या फिर एसी कोच में पहले वाली ट्रेन के टिकट पर बिलकुल यात्रा नहीं कर सकता।
ऐसे में साफ है कि एक यात्री ने जिस ट्रेन के लिए टिकट कटाया है, वो सिर्फ उसी ट्रेन से यात्रा कर सकता है। उस टिकट पर अगर दूसरी ट्रेन से यात्रा की जाती है और टीटीई पकड़ लेता है तो फिर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।