TrendingIndigoGoasir

---विज्ञापन---

म्यूचुअल फंड्स और शेयर मार्केट से की है कमाई? इन टिप्स से बचा सकते हैं इनकम टैक्स

How To Save Income Tax On Earnings From Mutual Funds And Share Market: आयकर कानून के सेक्शन 54 और 54एफ के जरिए शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड्स के जरिए होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है।

Representative Image (Pixabay)
How To Save Income Tax On Earnings From Mutual Funds And Share Market In Hindi : पैसा कमाने के लिए देश की आबादी का एक अहम हिस्सा शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड्स, गोल्ड या प्रॉपर्टी आदि में निवेश करता है। जब इस निवेश से आर्थिक फायदा होने लगता है तब इनकम टैक्स यानी आयकर पर विचार करना जरूरी हो जाता है। कमाई चाहे शेयर मार्केट से हुई हो या म्युचुअल फंड्स से या किसी अन्य तरीके से, टैक्स बचाने के लिए मौजूद तरीकों को समझकर आप ज्यादा से ज्यादा पैसा सेव कर पाएंगे। टैक्स सिस्टम में ऐसे कुछ तरीके हैं। इस रिपोर्ट में पढ़िए ऐसी ही कुछ टिप्स जिनकी मदद से आप निवेश करके होने वाली अपनी कमाई पर इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं।

आवासीय संपत्ति का फायदा लें

इनकम टैक्स कानून में एक प्रावधान है जिसके जरिए लोग अपनी आवासीय संपत्ति का इस्तेमाल टैक्स सेविंग के लिए कर सकते हैं। बता दें कि आयकर कानून के सेक्शन 54 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति नया घर खरीदने के लिए एक आवासीय संपत्ति की बिक्री से मिलने वाली राशि का उपयोग करता है तो वह टैक्स में छूट पाने का अधिकारी हो जाता है। साथ ही आयकर कानून का सेक्शन 54एफ इस राहत का दायरा और बढ़ा देता है। इसके तहत शेयर, म्यूचुअल फंड्स, गोल्ड, जमीन या कमर्शियल संपत्ति की बिक्री से होने वाली आय का इस्तेमाल भी नया घर खरीदने में किया जा सकता है। लेकिन इस सेक्शन के तहत बिक्री से मिलने वाली पूरी राशि (केवल प्रॉफिट नहीं) का निवेश नए घर में किया जाना जरूरी है।

इन बिंदुओं का रखें विशेष ध्यान

इसके अलावा 54एफ के तहत टैक्स में छूट का दावा करने के लिए यह जरूरी है कि संपत्ति की बिक्री से होने वाली कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) के तौर पर क्वालिफाई होनी चाहिए। इसके लिए अलग-अलग संपत्तियों के लिए अलग-अलग क्राइटेरिया हैं। अगर आप 12 महीने तक शेयर अपने पास रखकर बेचते हैं तो उसे एलटीसीजी माना जाएगा। टैक्स में छूट पाने के लिए आवेदक को नए घर का मालिकाना घर पुरानी संपत्ति के हस्तांतरण की तारीख से 2 साल के अंदर मिल जाना चाहिए। निर्माण की स्थिति में यह काम तीन साल के अंदर पूरा करने की शर्त है। एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि खरीद के 3 साल के अंदर अगर घर बेचा जाता है तो टैक्स में छूट नहीं मिलती है और कर देनदारी बढ़ जाती है। ये भी पढ़ें: NPS के नियमों में एक फरवरी से होगा बदलाव ये भी पढ़ें: DOB के लिए आधार कार्ड नहीं होगा कोई Proof! ये भी पढ़ें: 5-10 रुपये सस्ता होने वाला है पेट्रोल और डीजल


Topics:

---विज्ञापन---