IGL Share: कैसे होता है शेयर डाउनग्रेड, निवेशकों को क्या बातें रखनी चाहिए ध्यान
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IGL Share Price: पिछले दो दिन से शेयर मार्केट में सुस्ती दिखाई दे रही है। आज एक बार फिर शेयर ने लाल निशान के साथ शुरुआत की। इसी बीच IGL के शेयर में अचानक से बिकवाली का माहौल देखा गया। माहौल इसलिए क्योंकि कल Jefferies ने इस शेयर को डाउन ग्रेड कर दिया था। जिसकी वजह बताई गई दिल्ली में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी। ये तो खबर थी लेकिन अब आपको बताते हैं कि आखिर कोई एजेंसी किसी शेयर को कैसे डाउनग्रेड करती है और उसका इफेक्ट निवेशकों पर क्या पड़ता है?
Jefferies कैसे काम करती है
दरअसल Jefferies एक ऐसी संस्था है जो कंपनी के लेनदेन के साथ स्टॉक मार्केट, पॉलिसी पर अपनी राय रखती है। यहां कई एक्सपर्ट आंकड़ों के जरिए किसी कंपनी के फ्यूचर के बारे में बताते हैं। डाउनग्रेड करने का मतलब उसकी रेटिंग कम करने का है। जिससे उसमें निवेश किए हुए लोग कंपनी के भविष्य के बारे में पता कर सकते हैं। IGL के शेयर में निवेशकों ने इस खबर के बाद से अपने पैसा निकालना शुरू कर दिया, जिससे लगातार कंपनी के शेयर गिरते ही जा रहे हैं।
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डाउनग्रेड से निवेशकों को क्या सीखना चाहिए
आप सवाल आता है कि इस डाउनग्रेड से निवेशकों को क्या सीखना चाहिए? दरअसल संस्था अगर किसी कंपनी की रेटिंग कम कर देते हैं तो वो उसके मौजूदा हालात, कंपनी की बदली हुई पॉलिसी, साथ में सरकार का रुख को देखकर किया जाता है। ऐसे में निवेशकों को पूरी तरह से एनालाइज करना होता है। डाउनग्रेड किस बात को देखकर किया गया है। इसलिए जल्दबाजी में अपने शेयर नहीं निकलने चाहिए।
IGL के शेयर में फिर दिख सकती है तेजी
आज की बात करें तो IGL इस समय टॉप लूजर में है। निवेशकों को लग रहा है कि नई पॉलिसी आने के बाद कंपनी का नेट प्रॉफिट कम होगा। लेकिन अगर इस पॉलिसी पर अभी मुहर नहीं लगती है तो वापस से तेजी शेयर में बन सकती है।
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