एक अप्रैल यानी कल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा है। कल से कई नए नियम लागू हो रहे हैं, इसमें गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के नियमों में हुए बदलाव भी शामिल हैं। सरकार GST की प्रक्रिया आसान बनाने और धोखाधड़ी रोकने के लिए लगातार कदम उठा रही है। उसी के तहत GST के नियमों में बदलाव किए गए हैं, जो 1 अप्रैल से प्रभावी हो जाएंगे।
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
नियमों में बदलावों के तहत GST पोर्टल पर लॉग इन के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य किया गया है। सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार, अब सिर्फ पासवर्ड से लॉग इन नहीं चलेगा। सभी टैक्सपेयर्स को OTP या अन्य सुरक्षा चरणों का भी पालन करना होगा। इसके अलावा, नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने ई-वे बिल और ई-इनवॉइस सिस्टम को पहले से अधिक सुरक्षित बना दिया है। बिना सही ऑथराइजेशन के कोई इनवॉइस जनरेट नहीं की जा सकेगी। माना जा रहा है कि इससे धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
ई-वे बिल केवल इतने दिन मान्य
नए बदलावों के तहत ई-वे बिल अब 180 दिनों तक ही मान्य होगा और इसे 360 दिन से ज्यादा का एक्सटेंशन नहीं मिलेगा। अब करदाता GSTR-7 (TDS से जुड़ा रिटर्न) को स्किप करके आगे की तारीख में फाइल नहीं कर पाएंगे। टैक्सपेयर को हर महीने का रिटर्न क्रमवार भरना जरूरी होगा। नए नियमों के अनुसार, अब कंपनी के प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स को GST सुविधा केंद्र जाकर फिंगरप्रिंट/बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना होगा। साथ ही यदि किसी कंपनी के PAN पर कई GST रजिस्ट्रेशन हैं, तो इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) के तौर पर रजिस्ट्रेशन भी जरूरी होगा।
गलती पर 10 हजार का जुर्माना
1 अप्रैल से गलत ITC डिस्ट्रीब्यूशन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है। रिपोर्ट में नांगिया एंडरसन LLP के शिवकुमार रामजी के हवाले से बताया गया है कि इन बदलावों से सुरक्षा तो बढ़ेगी, लेकिन टैक्स फाइल करना थोड़ा कठिन हो सकता है। वहीं, AKM Global के संदीप सहगल के अनुसार, GST के नियम अब और सख्त होने जा रहे हैं। पुरानी इनवॉइस से छूट नहीं मिलेगी और गैर-अनुपालन पर जल्द कार्रवाई होगी। मतलब साफ है कि सरकार चाहती है कि टैक्स प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी हो और फर्जीवाड़े पर लगाम लगे।
कैसा रहेगा अनुभव
जानकारों का कहना है कि GST को लेकर सख्ती और निगरानी बढ़ रही है। छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक, सभी को सिस्टम अपडेट करना, अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना और सही दस्तावेज तैयार रखना बेहद जरूरी हो गया है। अनुपालन से समझौते पर भारी जुर्माने का प्रावधान इसीलिए किया गया है। हालांकि, अब यह देखने वाली बात होगी कि नए बदलावों के साथ व्यापारियों का टैक्स फाइल करने का अनुभव कैसा रहता है।