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Good News: इंश्‍योरेंस लेना होगा सस्‍ता! सरकार उठा सकती है बड़ा कदम

Reduction in GST on insurance products: समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा हैं जो केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे हैं। रिपोर्ट में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को बेहद सफल अभियान बताया गया है।

मंत्रियों का समूह 12 और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब के कई आइटम्स पर विचार कर रहा है।
Parliamentary committee on reducing GST rate insurance products: केंद्र सरकार बीमा उत्पादों पर जीएसटी घटा सकती है। इसके लिए संसदीय पैनल ने सिफारिश की है। इस कमेटी के अध्यक्ष जयंत सिन्हा थे। कहा गया है कि खासतौर पर स्वास्थ्य और टर्म बीमा पर जीएसटी कम करने की जरूरत है। इस समय यह 18 प्रतिशत है। समिति ने सुझाव दिया है कि माइक्रोइंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर GST की दर 18 प्रतिशत से कम होनी चाहिए। इसकी जरूरत वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा है। जब जीएसटी की दर ज्यादा होती है तो इंश्योरेंस पर प्रीमियम अधिक देना पड़ता है जिस वजह से गरीब लोग इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं ले पाते। यही वजह है कि बीमा को किफायती बनाने की सिफारिश की गई है। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक समिति ने मंगलवार को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें जीएसटी की उंची दर की वजह से प्रीमियम का बोझ बढ़ने की बात कही गई है। इससे बीमा पॉलिसी लेने में दिक्कत आती है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि बीमा पॉलिसी को और अधिक सस्ता बनाया जाए। ये भी पढ़ें-BPSC Teacher: शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण को लेकर आया बड़ा अपडेट, आयोग के अध्यक्ष ने दी जानकारी और क्या कहा गया है सिफारिश में समिति ने सिफारिश की है कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए खुदरा पॉलिसी और सूक्ष्म बीमा पॉलिसी पर लागू जीएसटी दरों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा टर्म पॉलिसी भी कम की जा सकती है। हालांकि बीमा उद्योग में भारत में हाल के वर्षों में तेजी आई है। कुल बीमा प्रीमियम बढ़े हैं। जिसकी वजह सरकार द्वारा किए गए सुधार हैं। हालांकि इसकी पहुंच अभी भी कम है। कितने लोगों तक है बीमा कवरेज बता दें कि भारत में बीमा उद्योग बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके जनसंख्या ज्यादा होने की वजह से यहां सिर्फ 3 फीसदी लोगों के पास ही बीमा कवरेज है। संसदीय समिति की सिफारिश बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिए ही है। इंश्योरेंस बिजनेस के मामले में भारत का दुनिया में 10वां स्था है। साल 2020 में इसमें भारत का 11वां स्थान था। वहीं इंश्योरेंस प्रीमियम भी बढ़ता जा रहा है, जो देना आम लोगों को लिए मुश्किल है। हाल के वर्षों में भारत में बीमा कारोबार में तेजी आई है। लंबा सफर तय करना है देश को एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में दुनियाभर के बीमा बाजार में भारत की हिस्सेदारी लगभग 2 प्रतिशत थी। इसे दुनिया के विकसित देशों की बराबरी में लाने के लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है। आंकड़ों के मुताबिक भारत 2021 में 1.85 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ वैश्विक बीमा कारोबार में 10वें स्थान पर है। साल 2020 में भारत की हिस्सेदारी 1.78 प्रतिशत थी। इस क्षेत्र में भारत को अभी लंबा सफर तय करना है। 2021 में भारत जीवन बीमा व्यवसाय में 9वें स्थान पर है। वहीं गैर जीवन बीमा में भारत का दुनिया में 14वां स्थान है। वहीं कमेटी ने सरकारी क्षेत्र की 4 इंश्योरेंस कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने की बात कही है। रिपोर्ट में इन कंपनियों के पास कम पूंजी होने की बात कही गई है। इन्हें ज्यादा नुकसान हो रहा है। उनके कुल व्यवसाय का 50 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा हेल्थ इंश्योरेंस का है। ये भी पढ़ें-50 करोड़ लोगों के लिए आने वाली है बड़ी खुशखबरी, लोकसभा चुनाव से पहले सरकार लेगी फैसला!


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