Google search engine: क्या गूगल का दबदबा अब खत्म हो गया है? क्या सर्च इंजन की दुनिया में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है? 2024 के अंत में गूगल की बाजार हिस्सेदारी 90% से नीचे गिर गई और यह 2015 के बाद पहली बार हुआ है। इसके पीछे क्या कारण हैं? क्या लोग अब गूगल की जगह दूसरे सर्च इंजिन्स जैसे Bing, Yandex या AI आधारित सर्च टूल्स की ओर बढ़ रहे हैं? ये सवाल गूगल के भविष्य को लेकर गहरा सवाल खड़ा करते हैं और इस बदलाव के असर को जानना बेहद दिलचस्प होगा।
गूगल की मार्केट हिस्सेदारी 90% से कम हुई
2024 के आखिरी तीन महीनों में गूगल के सर्च इंजन की मार्केट में हिस्सेदारी 90% से कम हो गई, जो 2015 के बाद पहली बार हुआ है। अक्टूबर 2024 में गूगल की हिस्सेदारी 89.34% थी, नवंबर में 89.99% और दिसंबर में 89.73% रही। रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरावट मुख्य रूप से एशिया में देखने को मिली, जबकि दूसरे हिस्सों में गूगल की हिस्सेदारी स्थिर रही। 2015 के मार्च में गूगल की हिस्सेदारी 89.52% तक कम हो गई थी और उस समय भी जनवरी और फरवरी में गिरावट देखी गई थी। अब गूगल की हिस्सेदारी 90% से कम होने के बाद यह साफ है कि उसे कुछ बाजार हिस्सा खोना पड़ा है।
अमेरिका में गूगल की स्थिति कमजोर
अमेरिका में भी गूगल की स्थिति कमजोर हुई है। नवंबर 2024 में गूगल की मार्केट में हिस्सेदारी 90.37% थी, लेकिन दिसंबर में यह घटकर 87.39% हो गई। इसके कारण अभी तक साफ नहीं हैं, लेकिन माना जा रहा है कि लोग अब AI आधारित सर्च इंजन, जैसे ChatGPT और Perplexity को ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, Statcounter जैसे टूल ज्यादातर पुराने सर्च इंजन जैसे Bing, Yandex, Yahoo, Baidu, DuckDuckGo और Ecosia को ही ट्रैक करते हैं। इन सर्च इंजिन्स ने गूगल की हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा लिया है और Bing ने दूसरे नंबर पर रहते हुए 2024 के आखिरी 5 महीनों में लगभग 4% हिस्सेदारी पाई है।
गूगल के लिए बढ़ी चुनौतियां
यह गिरावट गूगल के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय का संकेत है, क्योंकि पिछले दो सालों से गूगल पर आरोप लग रहे हैं कि उसके सर्च रिजल्ट्स अब उतने मददगार नहीं हैं, जितने पहले हुआ करते थे। गूगल की अधिकांश हिस्सेदारी 90-92% के बीच स्थिर थी, लेकिन अब उसका दबदबा कमजोर पड़ता दिख रहा है। गूगल पर अमेरिकी अदालत में एंटी-ट्रस्ट मामले चल रहे हैं, जो इसके मोनोपोली स्टेटस पर सवाल उठा रहे हैं। इस सब के बीच, गूगल को अपनी सर्च इंजन की क्वालिटी और यूजर अनुभव को बेहतर बनाने के लिए नए उपायों की तलाश करनी होगी।