सक्सेस के लिए गौतम अडानी ने 16 साल की उम्र में तोड़ी थी पहली बाउंड्री, खुद सुनाई संघर्ष की कहानी
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Gautam Adani In Jai Hind College : शिक्षक दिवस के मौके पर भारतीय उद्योगपति और अडानी ग्रुप के संस्थापक एवं चेयरमैन गौतम अडानी ने मुंबई स्थित जय हिंद कॉलेज के स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए अपना अनुभव शेयर किया। उन्होंने 'ब्रेकिंग बाउंड्रीज: द पावर ऑफ पैशन एंड अनकन्वेंशनल पाथ्स टू सक्सेस' विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि उन्होंने कैसे अपने बिजनेस की शुरुआत की और पहली बार कब अपनी सीमा तोड़ी थी?
गौतम अडानी ने कहा कि जब वे 16 साल के थे, तब उन्होंने पहली बार अपनी सीमा तोड़ी थी। फिर वे अपने अनजाने से भविष्य के लिए मुंबई चले गए। इस दौरान कई लोगों ने उनसे पूछा कि वे मुंबई क्यों चले गए? उन्होंने अपनी पढ़ाई क्यों पूरी नहीं की? इस पर गौतम अडानी ने जवाब दिया कि बाउंड्री कोई बैरियर्स नहीं है, बल्कि यह चुनौती है।
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बिजनेस के लए मुंबई एक ट्रेनिंग प्लेस था : गौतम अडानी
उन्होंने आगे कहा कि वे 16 साल की उम्र में पढ़ाई लिखाई छोड़कर बिजनेस की ओर आगे बढ़ गए। उनके अंदर कुछ करने साहस था और कारोबार के लिए मुंबई उनका एक ट्रेनिंग प्लेस था। उन्होंने इस शहर में कारोबार करना सीखा। इसी शहर ने बड़ा सोचना के लिए सिखाया। अगर किसी व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ना है तो उसे पहले अपनी सीमा तोड़नी पड़ेगी और फिर इससे परे सपने देखने का साहस करना पड़ेगा।
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हीरों की छंटाई भी की : बिजनेसमैन
अडानी ने कहा कि उन्होंने मुंबई में ही हीरों की छंटाई और कारोबार करना सीखा था। उन्होंने कहा कि एक अच्छा शिक्षक बिजनेस करने का क्षेत्र बनाता है। उन्होंने पहले ही सीख लिया था कि एक बिजनेसमैन कभी भी अपने सामने मौजूद विकल्पों का अत्यधिक मूल्यांकन करके स्थिर नहीं रह सकता है।
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