India’s First Crorepati Singer: अपनी आवाज से लोगों को दीवाना बनाने वाले सिंगर आज एक रिकॉर्डिंग के लिए लाखों-करोड़ों रुपए लेते हैं। लेकिन एक जमाना ऐसा भी था जब कुछ सौ रुपये की फीस को भी बड़ी दौलत समझा जाता था। गौहर जान उस जमाने की एक लोकप्रिय गायिका थीं। हालांकि, उनकी शौहरत और दौलत बाकियों की तुलना में काफी ज्यादा थी। 1900 के दशक में गौहर जान एक परफॉरमेंस के लिए जितनी फीस लेती थीं, वो अधिकांश परिवारों की सालाना आय से ज्यादा थी।
ऐसे मिला नाम
गौहर जान का जन्म 26 जून 1873 को आजमगढ़ में हुआ। आर्मेनियन मूल के पिता विलियम रॉबर्ट और मां विक्टोरिया हेमिंग ने उनका नाम एंजेलिना रखा। जब एंजेलिना महज 6 साल की थीं तो उनके माता-पिता का तलाक हो गया। इसके बाद मां विक्टोरिया ने खुर्शीद नामक मुस्लिम युवक से शादी करके इस्लाम कबूल कर लिया। विक्टोरिया शादी के बाद 1883 में कोलकाता आ गईं और यहां उन्हें बड़ी मलका जान नाम से पहचान मिली। बाद में उन्होंने अपनी बेटी एंजेलिना का नाम बदलकर गौहर जान कर दिया।
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पहली डांसिंग गर्ल
मलका जान और उनकी बेटी गौहर ने गायन और शास्त्रीय नृत्य की ट्रेनिंग ली। 1888 में गौहर ने अपनी पहली परफॉरमेंस दी और उन्हें दरभंगा राज के शाही दरबार में दरबारी संगीतकार नियुक्त किया गया। गाने के साथ डांस करते हुए गौहर जान कोलकाता की पहली डांसिंग गर्ल बन गईं। 1900 के दशक की शुरुआत में गौहर जान भारत की सबसे बेहतरीन गायिकाओं में से एक थीं। जब उन्होंने ग्रामोफोन के लिए अपने गाने रिकॉर्ड करने के लिए सहमति जताई, तो उनकी लोकप्रियता और भी ज्यादा बढ़ गई।
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हाथोंहाथ बिकते रिकॉर्ड
गौहर जान के रिकॉर्ड हाथोंहाथ बिकने लगे। वह हर रिकॉर्डिंग के लिए 1000 से 3000 रुपये फीस लेती थीं, जो उस दौर में अधिकांश घरों की सालाना आय से कहीं ज्यादा था। दिलचस्प बात यह है कि लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी 1950 के दशक में हर गाने के 500 रुपये लेते थे, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गौहर जान के पास कितनी दौलत थी और वह कितनी ज्यादा लोकप्रिय थीं।
बग्गी में करती थीं सैर
बैंगलोर मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, एक समय ऐसा भी आया जब वह इतनी अमीर हो गईं कि शहर में घोड़ा गाड़ी में घूमने लगीं, जो उस दौर में केवल भारत के वायसराय को दी जाने वाली लग्जरी सुविधा थी। गौहर ने सरकारी कानूनों का उल्लंघन करने के लिए 1000 रुपये का जुर्माना भरा, लेकिन बग्गी से शाम की सैर करना कभी नहीं छोड़ा।
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मैसूर में ली आखिरी सांस
बताया जाता है कि बंगाल में उनके एक प्रशंसक ने उन्हें प्राइवेट ट्रेन भी उपहार में दी थी, जिसका इस्तेमाल वह अपनी यात्राओं के लिए करती थीं। वह हर रिकॉर्डिंग में नए गहने पहनकर पहुंचती थीं। उन्हें उस जमाने की पहली करोड़पति सिंगर कहा जाता था। अपने आखिरी दिनों में वह खराब स्वास्थ्य के चलते मैसूर चली गईं। गौहर जान की मृत्यु 1930 में 56 वर्ष की आयु में हुई थी।
खर्च दिया था सारा पैसा
गौहर जान के निधन के बाद उनकी संपत्ति के कई दावेदार सामने आए। उन्हें उम्मीद थी कि इतनी बड़ी गायिका अपने पीछे बड़ी दौलत छोड़ गईं होंगी, लेकिन ऐसा था नहीं। जल्दी ही सभी को यह बात पता चल गई कि अपने जीवन के आखिरी दशक में गौहर जान ने अपना सारा पैसा खर्च कर दिया था और उनके पास कुछ नहीं बचा था।