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Adani समूह के लिए US से आईं राहत वाली 2 बड़ी खबरें, साजिश रचने वालों को मिलेगा दंड!

Adani Group news February 2025: अमेरिका के छह सांसदों ने नए अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखकर कहा है कि अडाणी समूह के खिलाफ पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुई कार्रवाई का कोई आधार नहीं था।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 11, 2025 14:41
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Adani Group

Adani Group News: अमेरिका से अडाणी समूह को लेकर 2 बड़ी खबरें सामने आई हैं। इन खबरों के चलते अडाणी समूह के अधिकांश शेयर गिरावट वाले बाजार में भी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। पहली खबर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर से जुड़ी है, जिसके तहत 1977 के विदेशी भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम (FCPA) पर अस्थायी रूप से रोक लगाई गई है। जबकि दूसरी खबर, अडाणी समूह से जुड़े मामले में छह अमेरिकी सांसदों द्वारा लिखे गए पत्र से संबंधित है।

FCPA पर लगाई रोक

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम (FCPA) 1977 पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का आदेश दिया है। FCPA अमेरिकी कंपनियों को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकता है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय कारोबार में नैतिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। अडाणी ग्रुप के प्रमोटर पर FCPA के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।

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क्या कहा ट्रंप ने?

डोनाल्ड ट्रंप ने न्याय विभाग को निर्देश दिया है कि वह FCPA के तहत चल रही जांच और मामलों को तब तक रोक दे, जब तक कि इस संबंध में नए दिशानिर्देश जारी नहीं किए जाते। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इस कानून में कई खामियां हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए इस पर तब रोक तक जारी रहेगी, जब तक राष्ट्रपति के निर्देश के हिसाब से अमेरिकी अटॉर्नी जनरल नए दिशानिर्देश जारी नहीं करते।

सांसदों ने लिखा पत्र

वहीं, अमेरिका के 6 सांसदों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले में नए अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखा है। इन सांसदों का कहना है कि बाइडेन प्रशासन के न्याय विभाग द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ की गई कार्रवाई की जांच होनी चाहिए, क्योंकि इस वजह से भारत और अमेरिका के रिश्ते प्रभावित हुए हैं। उनका कहना है कि समूह के खिलाफ जांच का कोई आधार नहीं था। यह जांच पूरी तरह से संदेहास्पद है और विदेशी ताकतों के प्रभाव में आदेश दिए गए थे।

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इन्होंने लिखा पत्र

लैंस गूडन, पैट फैलन, माइक हैरिडोपोलस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर. टिमन्स और ब्रायन बाबिन ने 10 फरवरी को अमेरिका की अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी को पत्र लिखकर इस तरह की संदेहास्पद कार्रवाई को चिंताजनक बताया है। गौरतलब है कि अडाणी समूह के प्रमोटर के खिलाफ अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। हालांकि, समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था।

यूएस हित के खिलाफ

पत्र में कहा गया है कि बाइडेन के कार्यकाल में अडाणी ग्रुप पर अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) की कार्रवाई भारत में अधिकारियों को रिश्वत देने की एक कथित साजिश पर आधारित थी। यह मामला भारत से जुड़ा था और इसे वहीं निपटाया जाना चाहिए था, लेकिन जो बाइडेन प्रशासन ने इसे अमेरिकी हितों के खिलाफ जाते हुए आगे बढ़ाया। इससे दोनों देशों से रिश्ते प्रभावित हुए।

कमजोर होगी साझेदारी

यूएस सांसदों ने इस कार्रवाई को गैर-जरूरी बताते हुए कहा कि इसमें बाहरी तत्वों का हाथ हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि बिना किसी ठोस कारण के ऐसी कार्रवाई भारत जैसे सहयोगी देश के साथ रिश्तों को जटिल बनाती है। सांसदों ने जांच की मांग करते हुए कहा कि DOJ का यह कदम भारत-अमेरिका साझेदारी को कमजोर कर सकता है।

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News24 हिंदी

First published on: Feb 11, 2025 02:41 PM

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