शहरों में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर कोई फैसला नहीं: पेट्रोलियम मंत्रालय
Banning diesel vehicles: पेट्रोलियम मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने 2027 तक बड़े शहरों में डीजल से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एनर्जी ट्रांजिशन एडवाइजरी कमेटी (ETAC) की रिपोर्ट को स्वीकार करने का फैसला नहीं किया है। मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा, 'ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति #ETAC की रिपोर्ट पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MOPNG) द्वारा प्राप्त की गई है। भारत सरकार ने अभी ईटीएसी रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है।'
मंत्रालय ने कहा कि ईटीएसी के सुझाव कई मंत्रालयों और राज्यों सहित कई हितधारकों से संबंधित हैं। रिपोर्ट पर विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श अभी शुरू किया जाना बाकी है। ईटीएसी ने लो कार्बन एनर्जी में बदलाव के लिए व्यापक और दूरंदेशी सिफारिशें की हैं। ईटीएसी का भविष्यवादी दृष्टिकोण है।
पेट्रोलियम मंत्रालय की सलाहकार समिति ने जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करने के लिए गतिशीलता और नीतिगत पहलों में इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए एक बड़े बदलाव की सिफारिश की है।
2027 तक बंद हो चौपहिया वाहन
तेल मंत्रालय के तहत एक पैनल ने डीजल से चलने वाले वाहनों को लेकर कुछ सिफारिश की हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 10 लाख से अधिक लोगों की आबादी वाले शहरों में वर्ष 2027 तक डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों के उपयोग को बंद कर देना चाहिए और इसके बजाय बिजली और गैस से चलने वाली कारों पर स्विच करना चाहिए। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलोर और अन्य भारतीय शहरों जैसे शहर इस क्राइटेरिया में आ जाएंगे।
मंत्रालय के तहत आयोग के मुताबिक, करीब 10 साल तक शहरी क्षेत्रों में कोई और डीजल सिटी बसें नहीं चलनी चाहिए। बता दें कि भारत, ग्रीन हाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है और भारत 2070 तक अपने उत्सर्जन को शून्य तक लाने का लक्ष्य बनाकर चल रहा है।
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