CNG Car Care: देश में CNG कारों की डिमांड लगतार बढ़ रही है। भले ही सीएनजी स्टेशन पर घंटों लाइन में ही क्यों न लगना पड़े। अब चूंकि पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में CNG कारें काफी सस्ती पड़ती हैं इसलिए लोग इन्हें खरीदने में रूचि दिखाते हैं। लेकिन अक्सर देखने में आता है कि लोग अपनी CNG कार की ठीक से न सर्विस करवाते हैं बल्कि रखरखाव में भी लापरवाही करते हैं… जिसकी वजह से गाड़ी में खराबी आने लगती है। पेट्रोल-डीजल कारों की सर्विस के मुकाबले CNG कारों की सर्विस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत इसलिए भी पड़ती है क्योंकि इनमे एक सिलेंडर लगा होता है। और अगर ध्यान न दिया जाए तो इसमें ब्लास्ट होने का खतरा बना रहता है।
जानें CNG सिलेंडर के बारे
CNG सिलेंडर के अंदर एक खास तरह का केमिकल होता है जिससे यह पता चलता है कि सिलेंडर अंदर से कैसा है। कहने का मतलब आप इससे यह जान सकते हैं कि आपको CNG सिलेंडर कब बदलवाना चाहिए। सिलेंडर की हेल्थ चेक करने के लिए आपको सर्विस शॉप पर जाना होगा जहां इस उल्टा किया जायेगा और इन्तजार करना होगा इसके केमिकल के निकलने का।
CNG सिलेंडर की हेल्थ बताएगा केमिकल
CNG सिलेंडर उल्टा करने के बाद अगर केमिकल ब्लैक कलर का निकलने तो जितना जल्दी हो सके इसे बदल देने चाहिए क्योंकि यह कभी भी ब्लास्ट हो सकता है। वहीं अगर अगर सिलेंडर में से येलो कलर का केमिकल निकलता है तो इसका अर्थ यह हुआ कि सिलेंडर कि हेल्थ बेहतर है और आप इसे काफी समय तक यूज़ कर सकते हैं।
हाइड्रो टेस्ट भी बताएगा सिलेंडर की हेल्थ
CNG सिलेंडर की हेल्थ के बारे में जानने के लिए आप हाइड्रो टेस्टिंग भी करवा सकते हैं। लेकिन यह टेस्ट हर तीन साल में होता है। इस टेस्ट की मदद से आपको सिलेंडर की हेल्थ का पता चल जायेगा कि इसे चेंज करवा चाहिए या फिर नहीं।
क्या करें, क्या न करें
टाटा मोटर्स की CNG कारों की आप डायरेक्ट CNG मोड पर चला सकते हैं। बाकि किसी भी CNG कार को आप CNG मोड में न चलाएं। ऐसा करने से सिलेंडर पर बना दबाव कम होने लगता है और वाल्व के फटने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए सबसे पहले फ्यूल पर गाड़ी स्टार्ट करें। इसके अलावा समय-समय पर सर्विस करवाते रहें।
यह भी पढ़ें: Best Selling 125cc Bikes: ग्राहकों की पहली पसंद बजाज पल्सर नहीं, इस बाइक की हुई ताबड़तोड़ बिक्री