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गाड़ी में क्यों जरूरी हैं ट्यूबलेस टायर्स? टायर पंचर होने पर गाड़ी चलती है कई किलोमीटर

चलती गाड़ी में अगर ट्यूबलेस टायर पंक्चर भी हो जाए तो पता नहींचलता क्योंकि टायर में से हवा धीरे-धीरे निकलती है। और आपकी गाड़ी बीच रास्ते डाउन नहीं होती । इतना ही नहीं गाड़ी कंट्रोल में रहती है।

Benefits of Tubeless Tyres: आजकल वाहनों में ट्यूबलेस टायर्स (tubeless tyres) खूब देखने को मिल रहे हैं। जबकि कुछ सालों पहले तक गाड़ियों में ट्यूब वाले टायर्स का इस्तेमाल किया जाता था। चलते-चलते अगर अचानक गाड़ी का टायर पंक्चर हो जाता था तो गाड़ी का बैलेंस बिगड़ जाता था और कई मामलों में चोटें भी लग जाती थी। पंक्चर होने के बाद गाड़ी एक कदम आगे नहीं खिसकती थी। लेकिन जब  से ट्यूबलेस टायर्स (बिना ट्यूब वाले टायर्स) मार्केट में आने लगे हैं सफ़र काफी अच्छा हो गया है। आइये जानते हैं  इन टायर्स के फायदे...

मिलती है बढ़िया माइलेज

ट्यूब वाले टायर्स की तुलना में ट्यूबलेस टायर्स हल्के होते  हैं जिसकी वजह से काफी अच्छी माइलेज भी मिलती है। साथ ही वाहन की  परफॉरमेंस भी बेहतर बनती है। इतना ही नहीं ट्यूबलेस टायर्स जल्दी गर्म भी नहीं होते।

पंक्चर होने पर टेंशन नहीं

चलती गाड़ी में अगर ट्यूबलेस टायर पंक्चर भी हो जाए तो पता नहीं चलता क्योंकि  टायर में से हवा धीरे-धीरे निकलती है। और आपकी गाड़ी बीच रास्ते डाउन नहीं  होती । इतना ही नहीं गाड़ी कंट्रोल में रहती है। जबकि ट्यूब वाले टायर्स कभी भी कहीं भी पंक्चर हो सकते हैं जिससे एक्सीडेंट हो सकता है और गंभीर चोट भी लग सकती है।

ट्यूबलेस टायर्स का रखने ध्यान

  • हमेशा टायर्स में सही एयर प्रेशर रखें और कोशिश कीजिये हफ्ते में तीन बार एयर प्रेशर चेक करें
  • जहां तक संभव हो गाड़ी को खराब रास्तों पर गाड़ी चलाने से बचें। ऐसा करने से न सिर्फ गाड़ी की परफॉरमेंस बढ़ेगी बल्कि माइलेज में भी इजाफा हो जाता है।
  • अपनी गाड़ी को हमेशा किसी साफ-सुथरी जगह पर ही पार्क करें।
  • गाड़ी के टायर्स पुराने हो जायें यानी कि टायर्स घिस जायें तो उनको तुरंत बदल देने चाहिये।
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