Daily Horoscope: 18 जून 2025 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 1:34 बजे तक रहेगी, इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। पूर्वभाद्रपद नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जो अपनी उग्र प्रकृति के कारण जोखिम भरे निर्णयों में सावधानी बरतने की सलाह देता है। प्रीति योग सुबह 7:40 बजे तक रहेगा, जो सहयोग और सौहार्द के लिए अनुकूल है। इसके बाद आयुष्मान योग शुरू होगा, जो स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए शुभ माना जाता है। बव करण दोपहर 1:34 बजे तक रहेगा, इसके बाद बालव करण शुरू होगा, जो सामान्य कार्यों के लिए ठीक है।
ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा कुंभ राशि में शाम 6:35 बजे तक रहेगा, फिर मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जहां शनि पहले से मौजूद रहेंगे। कुंभ में राहु और मीन में शनि की मौजूदगी भावनात्मक और मानसिक अस्थिरता पैदा कर सकती है। मिथुन में सूर्य, बुध, और गुरु का त्रिग्रही योग है। मेष में शुक्र, सिंह में मंगल और केतु की युति कुछ राशियों के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए यह दिन चुनौतिपूर्ण रहेगा और इसके शुभ बनाने के लिए क्या उपाय करें?
मेष राशि
18 जून को शुक्र आपकी राशि में रहेंगे और चंद्रमा-राहु का कुंभ राशि में होना आपके 11वें भाव को प्रभावित करेगा। इससे दोस्तों के साथ गलतफहमी, आय के स्रोतों में रुकावट या सामाजिक कार्यों में तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की युति आपके चौथे भाव में होगी, जो घरेलू सुख में कमी, मां के स्वास्थ्य की चिंता या प्रॉपर्टी से जुड़े मसलों में परेशानी ला सकती है। पूर्वभाद्रपद नक्षत्र की उग्र ऊर्जा और अष्टमी तिथि के प्रभाव से मानसिक भटकाव बढ़ सकता है।
उपाय: लाल मसूर दाल का दान करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि में सूर्य, बुध और गुरु का त्रिग्रही योग आपके पहले भाव को हिट करेगा। इससे मानसिक दबाव, आत्मविश्वास में कमी या निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति बन सकती है। चंद्रमा और राहु का कुंभ में गोचर आपके नवम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे भाग्य संबंधी रुकावटें, लंबी यात्राओं में परेशानी या धार्मिक कार्यों में बाधा आ सकती है। पूर्वभाद्रपद नक्षत्र और अष्टमी तिथि छोटी-छोटी बातों पर तनाव बढ़ा सकते हैं।
उपाय: भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाएं।
सिंह राशि
मंगल और केतु की युति आपकी राशि में है, जो आपके पहले भाव को प्रभावित करेगी। इससे क्रोध, जल्दबाजी में निर्णय, या छोटी-मोटी दुर्घटना का जोखिम बढ़ सकता है। चंद्रमा और राहु का कुंभ में होगा आपके सातवें भाव को हिट करेगा, जिससे जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ गलतफहमी, रिश्तों में तनाव, या डील में रुकावट हो सकती है। पूर्वभाद्रपद नक्षत्र की उग्र प्रकृति जोखिम भरे फैसलों में सावधानी बरतें।
उपाय: हनुमान मंदिर में गुड़ चढ़ाएं।
तुला राशि
चंद्रमा और राहु का कुंभ में होगा आपके पंचम भाव को प्रभावित करेगा। इससे प्रेम संबंधों में तनाव, पढ़ाई में फोकस की कमी या बच्चों से जुड़ी चिंताएं हो सकती हैं। मंगल और केतु की युति 11वें भाव में है, जो आय के स्रोतों में रुकावट या दोस्तों के साथ मतभेद ला सकती है। अष्टमी तिथि और पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के प्रभाव से मानसिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
उपाय: माता दुर्गा को सफेद फूल अर्पित करें।
वृश्चिक राशि
चंद्रमा और राहु का कुंभ में होना आपके चौथे भाव को प्रभावित करेगा। इससे घरेलू सुख में कमी, मां के स्वास्थ्य की चिंता या प्रॉपर्टी से जुड़े मसलों में परेशानी हो सकती है। मंगल और केतु की युति 10वें भाव में है, जो करियर में रुकावटें, बॉस या सहकर्मियों के साथ तनाव या काम में देरी का कारण बन सकती है। पूर्वभाद्रपद नक्षत्र मानसिक भटकाव बढ़ा सकता है।
उपाय: लाल चंदन का तिलक लगाएं।
मकर राशि
चंद्रमा और राहु का कुंभ में होना आपके दूसरे भाव को प्रभावित करेगा। इससे फाइनेंशियल मामलों में रुकावट, बोलचाल में गलतफहमी या परिवार में तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की युति आपके आठवें भाव में है, जो अचानक खर्च, स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव या गुप्त शत्रुओं से परेशानी ला सकती है। अष्टमी तिथि और पूर्वभाद्रपद नक्षत्र जोखिम भरे फैसलों में सावधानी बरतें।
उपाय: गरीबों को काले तिल का दान करें।
कुंभ राशि
चंद्रमा और राहु का आपकी राशि में होना आपके पहले भाव को प्रभावित करेगा। इससे मानसिक तनाव, भ्रम या स्वास्थ्य समस्याएं जैसे सिरदर्द या थकान हो सकती है। शाम 6:35 बजे के बाद चंद्रमा मीन में शनि के साथ युति बनाएंगे, जो भावनात्मक अस्थिरता बढ़ा सकता है। मंगल और केतु की युति सातवें भाव में है, जो रिश्तों या बिजनेस पार्टनरशिप में तनाव ला सकती है। पूर्वभाद्रपद नक्षत्र छोटी-छोटी बातों पर तनाव बढ़ा सकता है।
उपाय: शनि मंदिर में तेल अर्पित करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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