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Yagya benefits: यज्ञ करने से प्रसन्न होते हैं देवता, देते हैं ये आशीर्वाद

Yagya benefits: वैदिक परंपरा में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान में यज्ञ अथवा होम (हवन) को एक अनिवार्य अंग माना जाता है। इससे देवताओं को आहुति देकर पुष्ट किया जाता है, साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होता है। माना जाता है कि जहां यज्ञ किए जाते हैं, वहां पर साक्षात देवताओं का वास होता […]

Yagya benefits: वैदिक परंपरा में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान में यज्ञ अथवा होम (हवन) को एक अनिवार्य अंग माना जाता है। इससे देवताओं को आहुति देकर पुष्ट किया जाता है, साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होता है। माना जाता है कि जहां यज्ञ किए जाते हैं, वहां पर साक्षात देवताओं का वास होता है। रामायण तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी कहा गया है कि सौ अश्वमेघ यज्ञ करने वाले व्यक्ति को इंद्र पद प्राप्त होता है। यह भी पढ़ें: आज कर लेंगे ये उपाय तो पलक झपकते दूर होगी हर मुश्किल

क्या होता है यज्ञ

आचार्य अनुपम जौली के अनुसार यज्ञ में देवताओं का आह्वान किया जाता है। उन्हें अग्नि के माध्यम से मंत्र बोलते हुए आहुतियां दी जाती हैं। ये सूक्ष्म रूप में उन तक पहुंचती हैं तथा उन्हें बल प्रदान करती हैं। इस प्रकार देवता प्रसन्न होते हैं और यज्ञकर्ता की सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। यज्ञ के लिए विधिवत एक वेदी भी बनाई जाती है, जिस पर यज्ञ करवाने वाला पुरोहित तथा यज्ञकर्ता यजमान बिराजते हैं। यह भी पढ़ें: पर्स में रखें यह एक चीज, इतना पैसा आएगा कि संभाल नहीं पाएंगे

यज्ञ करने के लाभ (Yagya benefits)

विविध मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शास्त्रों में बहुत से अनुष्ठान बताए गए हैं। इन सभी अनुष्ठानों में हवन या यज्ञ करना अनिवार्य माना गया है। इसके बिना अनुष्ठान विफल माना जाता है। अत: होम के द्वारा आप अनुष्ठान कर अपनी इच्छाएं पूर्ण कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यज्ञ में विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियां व अन्य सामग्री जलाई जाती हैं। इससे वहां आसपास के वातावरण की नेगेटिविटी के साथ-साथ अन्य प्रकार की गंदगी भी समाप्त होती है। जहां तक अग्नि का धुआं जाता है, वहां तक वातावरण में सात्विकता और दैवीय ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है। यह भी पढ़ें: आज कर लें लक्ष्मीजी का 5-मिनट वाला यह उपाय, रातोंरात चमकेगी किस्मत, जागेगा सोया भाग्य यज्ञ से निकलने वाला धुआं वर्षा में भी सहायक होता है जिससे अन्न उपजता है। इसी प्रकार यज्ञ में चींटियों, गायों, पक्षियों तथा अन्य सभी प्रकार के पशु-पक्षियों व भिखारियों के अन्न की भी व्यवस्था की जाती है। इससे समाज का भी भला होता है जो अन्तत: यज्ञकर्ता को ही लाभ देता है। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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