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शुक्रवार के दिन करें शुक्र बीज मंत्र के साथ एक और मंत्र का जाप, वैवाहिक जीवन रहेगा खुशहाल

Shukrawar ke upay: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंडली में ग्रहों के चाल से जीवन में कई तरह के बदलाव देखने को मिलता रहात है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में ग्रह की दिशा एवं दशा मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। जिससे जातक को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। तो आइए विस्तार […]

Shukra Gayatri Mantra
Shukrawar ke upay: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंडली में ग्रहों के चाल से जीवन में कई तरह के बदलाव देखने को मिलता रहात है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में ग्रह की दिशा एवं दशा मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। जिससे जातक को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। तो आइए विस्तार से जानते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत नहीं होती है, तो जातक को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होता है, तो जातक को वैवाहिक जीवन में मधुरता लाती है। इसके साथ ही धन लाभ के कई सारे अवसर प्राप्त होते हैं। यह भी पढ़ें- एक असुर कैसे बना पितरों के मोक्ष का कारण, पितृ पक्ष में हर किसी को पढ़नी चाहिए यह कथा ज्योतिषीयों के अनुसार, यदि कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर होता है, तो जातक का पैसा, खूबसूरती और उसका मान सम्मान सब मिट्टी में मिल जाता है। इसके साथ ही उसके वैवाहिक जीवन में भी उथल-पुथल मच जाता है। इसलिए कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। तो आइए उन उपायों के बारे में जानते हैं।

शुक्र बीज मंत्र

'ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:' ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्रवार के दिन शुक्र बीज मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सभी सांसारिक सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह भी पढ़ें- शादी-विवाह में क्यों होती है शगुन देन-लेन की प्रथा, जानें इसका कारण और महत्व

शुक्र गायत्री मंत्र

'ओम अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात्। ओम रजदाभाय विद्महे भृगुसुताय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात्' धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार के दिन शुक्र गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति पा लेता है। इसके साथ ही सौभाग्य में वृद्धि और घर में सुख-शांति बनी रहती है। यह भी पढ़ें- Pitru Paksha Shradh 2023: आखिर क्यों होते हैं 16 दिन के पितृ पक्ष, जानें ज्योतिषीय कारण और महत्व डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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