मां दुर्गा के स्वरूपों का पूजन दिलाएगा हर सुख, शारदीय नवरात्रि से जुड़ी खास जानकारी आज ही कर लें नोट
Sharadiya Navratri 2023
डॉ0 के0पी0 द्विवेदी शास्त्री
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अखिल भारतीय ज्योतिष विचार संस्थान
Shardiya Navratri 2023: भारतीय संस्कृति एवं हिन्दू पंचांग के अनुसार हिन्दू पंचांग आश्विन के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर सर्वपितृ अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। अगले ही दिन आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा होती है। प्रतिपदा तिथि से नौंवी तिथि तक शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो जाते हैं।
नौ दिनों में देवियों के नौ स्वरूपों की अलग-अलग पूजा एवं आराधना की जाती है। वैसे वर्ष में 4 नवरात्रि होते हैं, परंतु मुख्यतः शारदीय नवरात्रि और चैत्र की नवरात्रि मनाई जाती है। प्रथम दिन शैलपुत्री माता की पूजा होती है। इसी दिन घट स्थापना की जाती है। प्रत्येक दोनों नवरात्रि में यह पर्व और त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2023 से मां दुर्गा पृथ्वी लोक में हाथी पर सवार होकर आ रही है। इस साल शारदीय नवरात्रि की तिथियाँ और घट स्थापना का मुहूर्त इस प्रकार है।
शारदीय नवरात्रि 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट से लग जाएगी जो 16 अक्टूबर की सुबह 01 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। इस तरह से उदय तिथि के आधार पर शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से शुरू होगी। वहीं इसका समापन 23 अक्टूबर को होगा और 24 अक्टूबर को दशमी तिथि पर
विजयदशमी मनाई जाएगी।
शारदीय नवरात्रि की विशेषता
नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए कलश की स्थापना करें। यह कलश मिट्टी का होगा। जल भरें। कलश में स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। कलश के नीचे मिट्टी डालकर जौ बोएं। पानी से सिंचाई करें। कलश की स्थापना करें। फिर नौ दिनों तक लगातार देवी जी की आराधना करें। इस साल 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं। 11 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य हमेशा ही सफल होता है।
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मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का पर्व रविवार 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। ऐसे में मां दुर्गा स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक में वास करने आएंगी क्योंकि प्रतिवर्ष किसी न किसी वाहन पर सवार होकर आती हैं। वार के अनुसार जिस दिन नवरात्रि की तिथि लगी है उसी के अनुसार मां की सवारी का निर्धारण होता है।
रविवार के दिन नवरात्रि की प्रतिपदा होने के कारण मां की सवारी हाथी में होगी क्योंकि मान्यताओं के अनुसार हाथी को सुख-संपत्ति और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में मां दुर्गा पृथ्वी लोक के लिए सुख समृद्धि और खुशहाली लेकर आएगी।
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शारदीय नवरात्रि की तिथियां
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा 15 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 16 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा 17 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा की पूजा 18 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता की पूजा 19 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा 20 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा 21 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का आठवां दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा 22 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का नौवां दिन मां महागौरी की पूजा 23 अक्टूबर 2023
दशमी तिथि विजयदशमी पर्व 24 अक्टूबर 2023
सभी सनातन धर्मियों को शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर घट स्थापना दुर्गा सप्तशती का पाठ, रामायण-परायण तथा दुर्गा चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि, वैभव की प्राप्ति होगी। मां दुर्गा की आराधना सभी साधकों को करना चाहिए।
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डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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