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शनि से 7 राशियों के लोग हो जाएं सावधान, उल्टी चाल और टेढ़ी नजर से जिंदगी में बढ़ा देंगे कष्ट

Shani ki Vakri Drishti: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि के वक्री होने से उनकी तृतीय और दशम दृष्टि में अशुभता आ जाती है। साल 2024 में शनि 140 दिनों के लिए वक्री होने जा रहे हैं। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार, वक्री होने से शनि की अशुभता में वृद्धि हो जाती है। आइए जानते हैं, उनकी तृतीय और दशम वक्र दृष्टि का किन राशियों पर क्या असर पड़ने की संभावना है?

ज्योतिष मानयता है कि सूर्यपुत्र शनि कुपित होने पर अन्य ग्रहों के फल भी रोक सकते हैं।
Shani ki Vakri Drishti: वैदिक ज्योतिष के नवग्रहों में शनि को 'कर्माधिपति' होने से विशेष स्थान हासिल है। मनुष्य जो भी कर्म करते हैं, उसका फल क्या होगा, इसका निर्धारण शनिदेव ही करते हैं, यही उनका विशेषाधिकार है। वहीं वे आयु, कष्ट, प्राकृतिक-आपदा, नौकरी, लोहा और काली वस्तुएं, लोकतंत्र के निम्न सदन, अपमान और अनादर आदि के कारकत्व ग्रह भी हैं। साथ ही उनकी तीन दृष्टियां होती हैं- तृतीय, सप्तम और दशम। शनि के पीड़ित या दूषित होने पर तृतीय और दशम को शुभ दृष्टि नहीं माना गया है। शनिदेव 30 जून, 2024 को वक्री होने जा रहे हैं। शनि के वक्री होने के अवधि निश्चित है, जो 140 दिनों की होती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, एक दिन की तिथि क्षय होने कारण वे इस साल 139 दिनों के लिए वक्री रहेंगे। इन अवधि में शनि का असर 7 राशियों पर सबसे अधिक पड़ने की संभावना है।

शनि की वक्र दृष्टि का राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के वक्री शनि की दृष्टि प्रतिकूल होने के योग दर्शा रहा है। धन की आमद रुक सकती है, जिससे आर्थिक संकट बढ़ सकता है। इसलिए सोच-समझकर आवश्यक खर्च ही करें। भौतिक सुख सुविधाओं में कमी होने से संतान कष्ट बढ़ेगा। व्यापार, करियर और अध्ययन में बाधा आने के योग हैं।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि की उल्टी चाल और दृष्टि से सौभाग्य और लाभ पर असर पड़ने की संभावना है। किस्मत के भरोसे कोई काम न करें। ऑफिस में विवाद बढ़ सकते हैं। लोहे की वस्तुओं से दूर रहे, दुर्घटना के योग हैं। पांच महीने के लिए वाहन न चलाएं। लंबी यात्रा में कष्ट के योग हैं।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के शनि वक्री चाल और उनकी तृतीय दृष्टि अलाभकारी हो सकती है। बीमार होने के योग बन रहे हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अन्यथा इलाज खर्च बढ़ने से आर्थिक दिक्कतें हो सकती हैं। मित्र से धोखा मिलने की उम्मीद है। किसी से अनैतिक संबंध बन सकते हैं। संभल कर रहें। [caption id="attachment_715191" align="alignnone" ] शनिदेव कर्मफल के स्वामी और न्याय के देवता हैं।[/caption]

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए वक्री शनि की तिरछी नजर अच्छे संकेत नहीं दर्शा रहे हैं। सट्टा और लॉटरी में भारी नुकसान होने के योग बन रहे हैं। किसी को कर्ज देने से बचें, वह कभी वापस नहीं मिलेगा। नौकरीपेशा जातकों की अधिकारियों से विरोध बढ़ सकता है। वाहन दुर्घटना के भी योग हैं। शनि उपाय करें।

धनु राशि

धनु राशि के लोगों को बहुत संभल कर रहने की आवश्यकता है, क्योंकि शनि की वक्र दृष्टि अलाभकारी है। व्यापार में घाटा बढ़ सकता है। माल और धन की आवक रुक सकती है। आकस्मिक धन हानि के योग हैं। इलाज पर अधिक खर्च होने की संभावना है। निवेश में हानि होने से निराशा और कुंठा बढ़ेगी।

कुंभ राशि

वक्री शनि की दृष्टि कुंभ राशि के जातकों के लिए जमीन जायदाद से हानि और स्वास्थ्य का कष्ट दे सकता है। रियल एस्टेट से जुड़े लोग कोई बड़ी डील करने बचें। आमदनी के स्रोत बाधित हो सकते हैं। फिजूलखर्ची बढ़ सकती है। संतान पक्ष से कष्ट संभव है। पारिवारिक विवाद बढ़ने के योग हैं। यात्राएं करने बचें। ये भी पढ़ें: Vakri Grah: ग्रह का वक्री होना क्या है, इसका असर क्या होता, कौन ग्रह कभी नहीं होते हैं वक्री?

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शनि का वक्री होना शुभ नहीं है, वहीं उनकी वक्र दृष्टि से व्यापार, करियर, परिवार और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। धन की आमद घटेगी। अर्जित धन के अपव्यय होने के योग हैं। पिता से अनबन हो सकती है। नौकरीपेशा जातक तबादले से फिक्रमंद होंगे। ये भी पढ़ें: हाथ की ‘कनक रेखा’ क्या है? जो बनाती है लव मैरिज के योग, देती है अपार धन और सफलता
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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