Sawan Somvar 2022: सावन के आखिरी सोमवार पर बन रहा खास संयोग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
Sawan Somvar 2022: भोले भंडारी का पसंसदी महीना सावन अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। सावन माह 14 जुलाई को शुरू हुआ था जो 12 अगस्त को पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जाएगा। कल 8 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार है। इस बार सावन के आखिरी सोमवार को खास संयोग बन रहा है। कल सावन के सोमवार के साथ पुत्रदा एकादशी भी पड़ रही है। ऐसे में इस भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाएगी। ऐसे में इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
सावन मास का चौथा और अंतिम सोमवार बेहद खास रहने वाला है। इस दिन रवि योग (Ravi Yog) का शुभ योग बन रहा है, जो कि 8 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगा। इस शुभ योग में भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी साबित होगा।
सावन का आखिरी सोमवार का शुभ मुहूर्त
रवि योग- 8 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
इन्द्र योग - 7 अगस्त सुबह 10 बजकर 2 मिनट से 8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक।
वैधृति - 8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक से 9 अगस्त सुबह 03 बजकर 24 मिनट तक।
सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा और उन्हें प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है। माना जाता है कि सावन सोमवार पर की गई शिवजी की पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती है। मान्यता के मुताबिक सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ की आराधना और व्रत रखने से भक्तों को तमाम कष्टों से छुटकारा मिलता है और सुख-शांति, धन-धान्य की बढ़ोत्तरी होती है। इतना ही नहीं अखंड सौभाग्य का भी आशीर्वाद मिलता है।
सावन सोमवार पूजा-विधि
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- शिवलिंग पर दूध या जल से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं।
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
सावन सोमवार व्रत महत्व
सावन का महीना शिव जी का प्रिय महीना होता है। मान्यता है कि जो लोग सावन के महीने में मां पार्वती ने कठोर तप करके भगवान शिव को प्राप्त किया था। सावन के महीने में जो भक्त सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव का विधि विधान से पूजा और जलाभिषेक करते हैं उन पर भगवान भोले प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। इतना ही शादी योग्य लड़कियां यदि सावन महीने में सोमवार का व्रत रख कर यदि मां पार्वती और भोले शंकर की उपासना करती हैं तो उनके मनवांछित वर की प्राप्ति होती है।
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