कुंडली में शनि कब बली होते हैं?
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि उच्च के होते हैं, तो उन्हें बली माना जाता है। शनि के उच्च होने का अर्थ है, उनका तुला राशि में होना। अपनी स्वराशि यानी कुंभ और मकर में होने से भी शनि बली होते हैं। कुंडली के तीसरे, छठे और ग्यारहवें में होने से भी शनि मजबूत माने जाते हैं। साथ ही शनि, जब अपने मित्र ग्रह, बुध और शुक्र, की राशि में होते है, तो मजबूत होते हैं। इसके अलावा कुंडली में अनेक योग बनने से भी ये बली होते हैं।शनि के 'बली' होने से क्या होता है?
शनि बलहीन होने का असर
वहीं, कमजोर या निर्बली शनि व्यक्ति आलसी, निकम्मा और भाग्यहीन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कहते हैं, जब शनि मंगल ग्रह से पीड़ित होते हैं, तो व्यक्ति भीषण दुर्घटना का शिकार हो सकता है, उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है, परेशानी पर परशानी आते रहते हैं।शनि को मजबूत करने के वास्तु टिप्स
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।