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Ram Katha : जब समुद्र ने श्रीराम जी की प्रार्थना को मानने से कर दिया था इनकार…

Ram Katha Shri Ram Samudra Puja Interesting Story: राम सिया राम... की इस कड़ी में हम आपको बताएंगे भगवान श्रीराम ने समुद्र की कितने दिन पूजा की और जब समुद्र ने उनकी प्रार्थना स्वीकार नहीं की तो उन्होंने क्या किया।

राम कथा
Ram Katha Shri Ram Samudra Puja Interesting Story: अयोध्या में श्रीराम लला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त अब धीरे-धीरे नजदीक आता जा रहा है। वहीं हम लोग प्रतिदिन राम सिया राम...की कड़ी में श्रीराम चरित मानस के दो-चार किस्से और कहानियां आप लोगों के संग शेयर करते रहते हैं। आज हम आपके लिए राम सिया राम...की कड़ी में एक ऐसा ही रोचक किस्सा शेयर करने जा रहे हैं। ये भी पढ़ें : कौन थीं माता अनुसुइया, जिन्होंने सीता जी को दिए कभी ना गंदे होने वाले वस्त्र सीता जी के हरण के बाद श्रीराम जी सुग्रीव की वानर सेना को साथ लेकर समुद्र तट पर पहुंच जाते हैं और लंका पर चढ़ाई की तैयारियां प्रारंभ कर देते हैं। सेना समेत समुद्र तट पर पहुंच कर सेना पड़ाव डाल देती है और श्रीराम सुग्रीव और रावण के भाई विभीषण के साथ समुद्र पार जाने की युक्तियों पर विचार करने लगते हैं। इसी दौरान विभीषण जी भगवान श्रीराम को बताते हैं कि समुद्र आपके कुल देवता हैं और आपके ही कुल में उत्पन्न हुए इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर ने समुद्र का निर्माण कराया था और उन्हीं के नाम पर महासागर का नाम समुद्र पड़ा। इसीलिए आप सागर के उस पार जानें में समुद्र से ही सहायता मांगें। ये भी पढ़ें : श्रीराम के लिए करें राशि के अनुसार दान, खुश होंगे भगवान विभीषण जी के सुझाव पर श्रीराम समुद्र की पूजा करते हैं और लगातार तीन दिन तक भगवान राम समुद्र की आराधना करते रहते हैं, लेकिन तीन दिन के बाद भी समुद्र ने भगवान श्रीराम की प्रार्थना नहीं सुनी और वह जड़ ही बना रहा। इसके बाद श्रीराम को क्रोध आ जाता है और वह समुद्र की पूजा छोड़ कर कहते हैं भूतकाल साक्षी है कि इक्ष्वाकु वंश के लोगों ने आज तक किसी से कुछ नहीं मांगा है और मैंने तीन दिन तक विधिवत समुद्र की पूजा की है, लेकिन समुद्र पर मेरी प्रार्थना का कोई असर नहीं हुआ है। ये भी पढ़ें :  राम जी को अर्पित करें एक खास चीज, मिलेगा अक्षय पुण्य श्रीराम लक्ष्मण से कहते हैं कि लक्ष्मण तुम मेरे धनुष और बाण लेकर आओ, मैं समुद्र को अपने बाणों से पाताल तक सोख दूंगा और उसके ऊपर से हमारी सेना समुद्र को पार कर लंका जाएगी। ऐसा कहकर श्रीराम अपने धनुष पर बाण का संधान करते हैं और इसी दौरान समुद्र देवता प्रकट हो जाते हैं और भगवान श्रीराम से क्षमा की प्रार्थना करते हैं। साथ ही भगवान श्रीराम को समुद्र के पार जाने का रास्ता बताते हैं। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धर्मग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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