Margashirsha Purnima Vrat Niyam Fayde: सनातन धर्म की व्रत परंपरा में पूर्णिमा व्रत का खास महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि में भगवान बुद्ध, दत्तात्रेय और सुब्रह्मण्य का जन्म हुआ था। इसलिए भी इस तिथि का विशेष महत्व है। आमतौर पर पूर्णिमा के दिन सत्य नारायण भगवान की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा 26 दिसंबर को है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के नियम और फायदे जानिए।
पूर्णिमा व्रत के फायदे
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा का व्रत रखने से शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही साथ पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। इसके अलावा गैस, एसिडिटी इत्यादि की समस्या से भी निजात मिलती है। इतना ही नहीं, पूर्णिमा के व्रत से मन शांत और बुद्धि स्थिर रहती है।
कैसे रखें पूर्णिमा का व्रत
सनातन परंपरा के अनुसार, पूर्णिमा का व्रत रखने वालों को सुबह सूर्य उदय से पहले स्नान करना चाहिए। अपनी आस्था के अनुसार, भगवान शिव या विष्णु देव की पूजा करें। वैसे इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा शुभ फदलायी मानी गई है। घर या मंदिर में सत्यनारायण भगवान की पूजा संपन्न करा सकते हैं। पूर्णिमा व्रत के दौरान अन्न और नमक का सेवन नहीं किया जाता है। ऐसे में व्रत रखने वाले इसका ध्यान रखें। पूर्णिमा का व्रत सूर्य उदय से लेकर चंद्रमा के उदय तक रखा जाता है। चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
यह भी पढ़ें: मंगल का गोचर 3 राशि के लिए शुभ, जानें क्या होगा बदलाव
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।