पौष में सूर्य देव की उपासना कैसे करें?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, पौष में सूर्य देव की उपासना बेहद शुभ फलदायी है। ज्योतिष शास्त्र के जानकार पं. मणिभूषण झा बताते हैं कि जो जातक पौष में सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करता है। उसका जीवन खुशहाल रहता है। साथ ही नौकरी-व्यापार में उन्नति होती है। इसलिए अगल संभव हो तो पौष में रोजाना सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य देव को सूर्योदय के समय चढ़ाएं। जल में लाल फूल और अक्षत जरूर मिलाएं। अगर रोजाना सूर्य को जल देने में कठिनाई है तो प्रत्येक रविवार को ऐसा करें।सूर्य मंत्र
ओम् सूर्याय नमः, ओम् आदित्याय नमः, ओम् भास्कराय नमः। सूर्य देव को जल अर्पित करते समय इस मंत्र को बोलेने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा पौष में आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करना भी शुभ माना गया है। 'ओम् ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः' यह सूर्य का बीज मंत्र है। सूर्य देव को जल चढ़ाते वक्त इस मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें।भगवान विष्णु की पूजा
पौष मास में भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान शास्त्रों में बताया गया है। मान्यता है कि पौष मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से सुखी वैवाहिक जीवन, उत्तम स्वास्थ्य और सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। ऐस में भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पौष में रोजाना सुबह तुलसी में जल (रविवार को छोड़कर) दें। साथ ही इस महीने में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। भोग के रूप में भगवान को पीली वस्तुएं अर्पित करें। पौष मास में केले के पेड़ की पूजा करने से भी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यह भी पढ़ें: पौष में क्या करें और क्या नहीं, यहां जानिए
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।