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देवी के इस मंदिर में बलि देने के बावजूद भी जिंदा रहता है बकरा, रहस्यों से भरा है यह धार्मिक स्थल

Maa Mundeshwari Temple: मां मुंडेश्वरी मंदिर बिहार के कैमूर जिला में स्थित हैं। इस मंदिर में बिना खून बहाए बकरे की बलि दी जाती है। तो आइए इस मंदिर के रहस्यों के बारे में जानते हैं।

Maa Mundeshwari temple
Maa Mundeshwari Temple: शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर से शुरु हो चुका है। ऐसे में मां के दर्शन के लिए मंदिरों में भीड़ देखने को मिल रहा है। भारत में मां के कई ऐसे रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिर हैं, जो अपने आप में प्रसिद्ध माना जाता है। ऐसे ही नवरात्रि में मां दुर्गा के अनोखे और रहस्यमयी से भरपूर एक मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जो अपनी चमत्कार और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध माना गया है। जी हा बात कर रहे हैं, बिहार की मां मुंडेश्वरी मंदिर के बारे में, जो कैमूर जिला पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है। मां मुंडेश्वरी का मंदिर पंवरा पहाड़ी के शिखर पर स्थित हैं।

मां मुंडेश्वरी मंदिर का रहस्य

ऐसे तो बिहार में एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थान हैं, जो अपनी मान्यताओं के लिए जानी जाती है। लेकिन मां मुंडेश्वरी का मंदिर कुछ अलग ही है। इस मंदिर के रहस्यों के बारे में जानकर दुनिया हैरान हो जाती है। मां मुंडेश्वरी के  मंदिर को शक्ति पीठ भी कहते हैं। यह मंदिर पहाड़ के लगभग 608 फीट ऊचाई पर स्थित हैं। मां मुंडेश्वरी का मंदिर के अंदर दो ऐसे रहस्य है, जिसकी सच्चाई आज तक कोई नहीं लगा पाया है। इस चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। मां मुंडेश्वरी के मंदिर में बकरे को बिना काटे बलि दी जाती है। मान्यता है कि जो भी जातक इस मंदिर में मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस मंदिर में प्राचीन काल से ही बलि देने की प्रथा चली आ रही है। लेकिन यहां बलि देने की प्रथा कुछ रहस्यों से भरा हुआ है। यह भी पढ़ें- Navratri 2023: व्रत-पूजा के दौरान मन में बुरे विचार आने का क्या है मतलब, मां दुर्गा किस बात की देती हैं संकेत?

खून का एक कतरा बहाए बकरे की दी जाती है बलि

माता के मंदिर में बिना बकरे के एक खून का कतरा बहाए बलि दी जाती है। कहा जाता है कि मंदिर में पूजा होने के बाद पुजारी जी बकरे पर अक्षत मारते हैं और बकरा मूर्छित होकर जमीन पर गिर जाता है। इसके बाद माता के चरणों में बकरे को रख दिया जाता है। कहा जाता है कि कुछ देर तक बकरा अचेत रहता है। बकरे के अचेत होने के बाद पुजारी जी कुछ मंत्र पढ़ते हैं और मां के चरणों में पड़े फूल को लेकर बकरे पर फेंकते हैं। पुजारी जी के फूल फेंकते ही बकरा उठ खड़ा हो जाता है। ऐसा लगता है कि जैसे वह अभी-अभी नींद से जगा हो। ऐसा चमत्कार देखकर भक्त माता का जोर-जोर से जयकारा लगाते हैं। इस चमत्कार को लोग खासकर मानते हैं। यह भी पढ़ें- गृह क्लेश से लेकर आर्थिक तंगी को दूर करते हैं ये पान के टोटके, नवरात्रि में अपना लिया तो आ जाएंगे अच्छे दिन डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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