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Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर ऐसे करें कृष्ण कन्हैया की अराधना, पूरी होगी हर मनोकामना

Janmashtami 2022: देशभर में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। कई जगहों पर कृष्णाष्टमी का पर्व कल मनाया जा रहा है तो वहीं मथुरा, वृंदावन, द्वारका समेत कई जगहों पर शुक्रवार 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगा। आपको बात दें कि जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी धूम धाम से […]

Janmashtami 2022: देशभर में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। कई जगहों पर कृष्णाष्टमी का पर्व कल मनाया जा रहा है तो वहीं मथुरा, वृंदावन, द्वारका समेत कई जगहों पर शुक्रवार 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगा। आपको बात दें कि जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी धूम धाम से मनाई जाती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में भगवान कृष्ण की झांकियां सजाई जाती है, लेकिन कोरोना संकट का असर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी देखने को मिल रहा है। हिन्‍दू धार्मिक मान्‍यताओं के मुताबिक भागवान श्रीकृष्ण को सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु के 8वें अवतार माना जाता है। भाद्रपद अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। यह हिन्दुओं का खास त्योहार है। भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में आधी रात के वक्त हुआ था। मान्यता के अनुसार इस भगवान कृष्ण की पूजा करने सभी तरह के दुखों का नाश होता है और भक्तों की हर मुराद पूरी होती है।   और पढ़िए –Guruwar Ke Upay: गुरुवार को करें ये अचूक उपाय, दरिद्रता का होगा नाश, घर में आएगी सुख और समृद्धि

व्रत और पूजा विधि...

- उपवास की पूर्व रात्रि को हल्का भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। - उपवास के दिन प्रातःकाल स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। - सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिक्‌पति, भूमि, आकाश, खेचर, अमर और ब्रह्मादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर मुख बैठें। - जल, फल, कुश और गंध लेकर संकल्प करें। - मध्याह्न के समय काले तिलों के जल से स्नान कर देवकीजी के लिए 'सूतिकागृह' नियत करें। - भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।   और पढ़िए –Numerology Horoscope 18th August 2022: प्रेम संबंधों को लेकर इनके लिए उत्तम रहेगा दिन, सभी मूलांक वाले यहां जानें आज का अपना राशिफल

इस मंत्र से पुष्पांजलि अर्पण करें...

'प्रणमे देव जननी त्वया जातस्तु वामनः. वसुदेवात तथा कृष्णो नमस्तुभ्यं नमो नमः. सुपुत्रार्घ्यं प्रदत्तं में गृहाणेमं नमोऽस्तुते'

व्रत विधि...

- व्रत के दिन मध्याह्न में स्नानकर माता देवकी के लिए सूतिका गृह बनाएं। - इस सूतिका गृह में बाल गोपाल समेत माता देवकी की मूर्ति स्थापित करें। - विभिन्न मंत्रों द्वारा माता देवकी, बाल गोपाल कृष्ण, नन्दबाबा, यशोदा माता, देवी लक्ष्मी आदि की पूजा करनी चाहिए। - आधी रात को गुड़ और घी से वसोर्धारा की आहुति देकर षष्ठीदेवी की पूजा करनी चाहिए। - नवमी के दिन माता भगवती की पूजा कर ब्राह्मणों को दक्षिणा देनी चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए।   Click Here - News 24 APP अभी download करें


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