कैसे करें एक श्लोकी रामायण मंत्र का प्रयोग (Ek Shloki Ramayan Mantra)
इस मंत्र का प्रयोग बहुत ही साधारण है हालांकि इसे आपातकाल यानि बहुत ही इमरजेंसी में उपयोग करना चाहिए। जब भी आपको इस मंत्र का प्रयोग करना हो तो शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में गणपति की पूजा करें। तत्पश्चात भगवान शिव, मां पार्वती और रामदरबार की पूजा करें। हनुमानजी की पूजा करें। इसके बाद भगवान राम का ध्यान करते हुए एक श्लोकी रामायण मंत्र का 108 बार पाठ करें। मंत्र इस प्रकार हैआदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्। वैदेहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।। बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद् रावण कुंभकर्ण हननम्, ऐतद्धि रामायणम्।।
अर्थात्: श्रीराम वनवास गए, वहां स्वर्ण मृग का वध किया। वैदेही यानी सीताजी का रावण ने हरण कर लिया, रावण के हाथों जटायु ने अपने प्राण गंवा दिए। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। बालि का वध किया, समुद्र पार किया, लंकापुरी का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया। ये रामायण का सार है। यह भी पढ़ें: गायत्री मंत्र जितना ही शक्तिशाली है ‘राम’ नाम का जप, हर दुख दूर कर देता है सुख-सौभाग्य-संपत्तिरोजाना जप करेंगे तो बदलेगी किस्मत
यह एक श्लोकी मंत्र इतना अधिक प्रभावशाली है कि यदि इसका प्रतिदिन 11 या 21 बार पाठ किया जाए तो जीवन की सभी समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं। यदि भक्तों पर किसी तरह का कोई आकस्मिक संकट आने वाला होता है तो वह भी टल जाता है। अकाल मृत्यु और दुर्घटना के योग समाप्त होते हैं।---विज्ञापन---
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