TrendingInd Vs AusIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

धनु संक्रांति पर सूर्य-उपासना का क्या है महत्व, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Dhanu Sankranti 2023: धनु संक्रांति इस साल 16 दिसंबर को है। इस दिन सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि धनु संक्रांति के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

Dhanu Sankranti 2023 Date, Muhurat, Puja Vidhi: ज्योतिषी शास्त्र में सूर्य देव को ग्रहों का राजा कहा गया है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक जब सूर्य देव अपनी स्थिति में बदलाव करते हैं, तो उसे संक्रांति कहा जाता है। ऐसे में जब सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे धनु संक्रांति कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 में धनु संक्रांति 16 दिसंबर, शनिवार को है। इस दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। आइए जानते हैं कि धनु संक्रांति पर सूर्य-उपासना का क्या महत्व है? धनु संक्रांति के दिन पुण्यकाल और महा पुण्य काल कब है? और पूजा कि विधि क्या है?

धनु संक्रांति 2023 कब है?

दृक पंचांग के अनुसार, इस साल धनु संक्रांति 16 दिसंबर, शनिवार को है। इस दिन पुण्य काल शाम 4 बजकर 09 मिनट से लेकर 6 बजकर 04 मिनट तक है। जबकि धनु संक्रांति के दिन महा पुण्य काल का समय शाम 4 बजकर 09 मिनट से लेकर 5 बजकर 59 मिनट तक है। ध्यान रहे कि 16 दिसंबर को धनु संक्रांति शाम 4 बजकर 9 मिनट पर होगी।

धनु संक्रांति पर सूर्य उपासना का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के जानकार पं. धनंजय पाण्डेय के अनुसार, धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव के नारायण रूप की पूजा का विशेष महत्व है। पुराणों में नारायण को भगवान विष्णु का अंश माना गया है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु के नारायण स्वरूप की पूजा करने और सूर्य देव को जल अर्पित करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से समस्त पाप धुल जाते हैं। इतना ही नहीं, इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से बीमारियां दूर होती हैं, लंबी उम्र का वरदान प्राप्त होता है और भाग्य का भी साथ मिलता है। यह भी पढ़ें: दिसंबर का महीना 3 राशियों के लिए वरदान! 4 राजयोग संवार देंगे किस्मत

धनु संक्रांति पर कैसे करें सूर्य देव की पूजा

धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा के लिए सबसे पहले बह्म मुहूर्त में उठें। उसके बाद नित्यकर्म से निवृत होने के बाद सूर्य देव को तिल मिश्रित जल अर्पित करें। सूर्य को जल अर्पित करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जल में लाल फूल और अक्षत अवश्य रहे। मान्यता है कि इस विधि से सूर्य देव की उपासना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। धनु संक्रांति के दिन पितरों के निमित्त तर्पण करने का भी विधान है। ऐसे में इस दिन पितरों को निमित्त तर्पण, दान करना चाहिए। कहा जाता है कि पितरों के निमित्त तर्पण और दान करने से पितृ दोष दूर होते हैं। साथ ही पितरों की प्रसन्नता से जीवन के तमाम दुख-कष्ट दूर हो जाते हैं। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.