खरना पूजा 2023 महत्व
चार दिवसीय छठ पर्व में खरना पूजा का खास महत्व है। इस साल खरना पूजा 18 नवंबर को है। खरना के दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं। साथ ही इसी दिन छठ पूजा के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन विशेष रूप से गुड़ के खीर का प्रसाद बनाया जाता है। खीर बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है। खरना का प्रसाद तैयार होने के बाद सबसे पहले इसे व्रती महिलाएं ग्रहण करती हैं।खरना के दिन क्या करें
खरना पूजा का प्रसाद ऐसे स्थान पर भी बनाएं यहां रोजाना का खाना न बनता हो। खरना का प्रसाद बनने पर सबसे पहले इसे व्रती ग्रहण करते हैं। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखें। खरना पूजा के दिन छठ व्रती को ऐसे स्थान पर बैठकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए जहां बिल्कुल शांति का वातावरण रहे। खरना पूजा के दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़े नहीं करनी चाहिए। ऐसाा करने से व्रत भंग हो जाता है। खरना पूजा के दिन जो प्रसाद तैयार किया जाता है, उसे पूजन के बाद अन्य लोगों में भीं बांटना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना गया है। यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2023: छठ पूजा में ऐसे दें सूर्य को अर्घ्य, उनकी कृपा से लौट आएंगे अच्छे दिनखरना के दिन क्या न करें
खरना पूजा के दिन पूजन के दौरान पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है। ऐसे में जिस घर में बच्चे रहते हैं, वहां पवित्रता का विशेष ख्याल रखा जाता है, क्योंकि वे गंदे हाथों से ही पूजन सामग्री को छू सकते हैं, जिससे पूजन सामग्री अशुद्ध हो सकती है। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखें। खरना पूजा के दिन व्रती महिलाओं को लहसुन-प्याज छूना भी नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से व्रत की पवित्रता भंग हो सकती है। खरना के दिन साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना होता है। इस दिन किसी भी चीज को बिना हाथ धोए नहीं छूना चाहिए। खरना के दिन से ही छठ व्रती को जमीन पर सोना चाहिए। छठ पूजा व्रत के दौरान पलंग पर सोना निषेध माना गया है। यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2023: छठ पूजा के आखिरी दिन क्या नॉनवेज खा सकते हैं? जानें शास्त्रीय नियम
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।