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Durga 32 Namavali: मां दुर्गा के इस मंत्र से मिलती हैं अद्भुत शक्तियां, असंभव भी संभव हो जाता है

Durga 32 Namavali: मां आद्यशक्ति भगवती इस पूरे ब्रह्मांड का मूल है। उनके इशारे मात्र से पूरी सृष्टि चलायमान होती है और ब्रह्मांड का कण-कण सजीव हो उठता है। यदि किसी व्यक्ति पर उनकी कृपा हो जाए तो वह स्वयं शिव के समान ईश्वरत्व प्राप्त कर लेता है। दुर्गासप्तशती में मां जगत्जननी को प्रसन्न करने […]

Durga 32 Namavali: मां आद्यशक्ति भगवती इस पूरे ब्रह्मांड का मूल है। उनके इशारे मात्र से पूरी सृष्टि चलायमान होती है और ब्रह्मांड का कण-कण सजीव हो उठता है। यदि किसी व्यक्ति पर उनकी कृपा हो जाए तो वह स्वयं शिव के समान ईश्वरत्व प्राप्त कर लेता है। दुर्गासप्तशती में मां जगत्जननी को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र तथा अनुष्ठानों का उल्लेख किया गया है। ‘दुर्गा 32 नामावली स्तोत्र’ अथवा ‘दुर्गा द्वात्रिंशन्नाममाला’ भी ऐसा ही एक प्रयोग है। इस मंत्र प्रयोग में देवी के 32 नामों की माला रूपी मंत्र का जप किया जाता है। यह भी पढ़ें: GANESHJI KE UPAY: रोजाना सिर्फ एक बार बोलें यह गणेश मंत्र, हर इच्छा होगी पूरी

कैसे करें ‘दुर्गा 32 नामावली स्तोत्र’ का प्रयोग (Durga 32 Namavali)

किसी शुभ मुहूर्त में योग्य विद्वान की देखरेख में मंत्र का अनुष्ठान आरंभ करना चाहिए। आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र रखें। उसकी षोड़शोपचार पूजा करें। उन्हें लाल पुष्प, लाल वस्त्र, फल तथा नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद दुर्गा 32 नामावली स्तोत्र का जप करें। यह जप प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में होना चाहिए। कभी कम और कभी ज्यादा नहीं होना चाहिए। ‘दुर्गा 32 नामावली स्तोत्र’ अथवा ‘दुर्गा द्वात्रिंशन्नाममाला’ इस प्रकार है। दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्विनिवारिणी। दुर्गमच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी।। दुर्गतोद्धारिणी दुर्गानिहन्त्री दुर्गमापहा। दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला।। दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरुपिणी। दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता।। दुर्गमज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यानभासिनी। दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थंस्वरुपिणी।। दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी। दुर्गमाङ्गी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्र्वरी।। दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गभा दुर्गदारिणी। नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानवः।। पठेत् सर्वभयान्मुक्तो भविष्यति न संशयः।। यह भी पढ़ें: आप भी करें हनुमानचालिसा का यह उपाय, बजरंग बली सुनेंगे आपकी हर अर्जी

प्राप्त होंगे ये लाभ

इस मंत्र के अलग-अलग प्रयोग बताए गए हैं। यदि आप पर कोई आकस्मिक विपत्ति आ गई है तो इस मंत्र का 30 हजार जप करने से वह विपत्ति पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। इसी प्रकार राजयोग तथा सरकारी नौकरी पाने के लिए इसका एक लाख जप तथा हवन करना चाहिए। एक बार इस मंत्र को सिद्ध कर लेने के बाद इस मंत्र के प्रयोग से व्यक्ति असंभव को भी संभव कर सकता है।

अनुष्ठान में रखें ये सावधानी

यह मां भगवती का अनुष्ठान है, अत: इसमें विशेष सावधानी रखनी चाहिए। अनुष्ठान के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य से रहें, कभी किसी को पीड़ा या दुख न दें। मांस, मदिरा तथा अन्य सभी प्रकार के दुर्व्यसनों से दूर रहें। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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