माता
चाणक्य की नीति कहती है कि माता यानी जिससे गर्भ से जन्म हुआ है, उसका अपमान नहीं करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं मां अपने बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में रखती है, इंसान वह कर्ज कभी चुका नहीं पाता। मां की जगह दुनिया में कोई नहीं ले सकता है। चाणक्य कहते हैं कि माता अपने बच्चे को जन्म देने के लिए मृत्यु के समान कष्टों से गुजरती हैं। ऐसे में माता का अपमान करना अनुचित है।पिता
चाणक्य के मुताबिक पिता भगवान के समान होते हैं। एक पिता अपने बच्चों की हर जरूरत को पूरा करते हैं। साथ ही एक पिता अपने बच्चों की हर इच्छा को पूरी करने के लिए दिन-रात मेहनत करता है। इसलिए चाणक्य कहते हैं कि पिता का अपमान नहीं करना चाहिए। जो कोई अपने पिता का सम्मान करता है, भगवान भी उसका साथ देते हैं।नैतिक शिक्षा देने वाले
चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कभी भी उस व्यक्ति का निकादर नहीं करना चाहिए जो उसे नैतिक शिक्षा दे। ऐसे नौतिक शिक्षा देने वाले दादी-दादी, नाना-नानी, सगे-संबंधी या पड़ोसी हो सकते हैं। ऐसे में हर किसी को चाणक्य की यह सलाह माननी चाहिए।गुरु
चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी अपने गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि जीवन में जितनी आवश्यकता भोजन की है, उतना ही जरूरी ज्ञान है। ऐसे में जिस किसी के द्वारा ज्ञान प्राप्त हो, उसका अपमान नहीं करना चाहिए।दोस्त
चाणक्य कहते हैं कि एक सच्चा दोस्त हमेशा हमारी मदद के लिए खड़ा रहता है। कठिन परिस्थिति में भी वह साथ देता है। ऐसे में चाणक्य सलाह देते हैं कि दोस्त का अपमान नहीं करना चाहिए। यह भी पढ़ें: चाणक्य की ये अगर लेंगे मान तो कभी नहीं आएगी तलाक की स्थिति
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।