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Chaitra Navratri 2023: माता के 8वें स्वरूप महागौरी की ये है विशेषता, जानें महात्म्य

Chaitra Navratri 2023: माता के विभिन्न स्वरूपों के बारे में जानते हुए हम आ चुके है नवरात्रि के आठवें दिवस। नवरात्रि का अष्टम दिवस मां महागौरी को समर्पित है। शक्ति स्वरूपा पार्वती ने जब भगवान शिव शंकर को पति रुप में पाने के लिए तपस्या की। तब वे कंदमूल, फल एवं पत्तों को ही आहार […]

Chaitra Navratri 2023: माता के विभिन्न स्वरूपों के बारे में जानते हुए हम आ चुके है नवरात्रि के आठवें दिवस। नवरात्रि का अष्टम दिवस मां महागौरी को समर्पित है। शक्ति स्वरूपा पार्वती ने जब भगवान शिव शंकर को पति रुप में पाने के लिए तपस्या की। तब वे कंदमूल, फल एवं पत्तों को ही आहार रूप में ग्रहण कर रही थी। कुछ समय पश्चात् तो माता ने केवल वायु का सेवन कर कठोर तपस्या को पूर्ण किया, जिससे उनके शरीर की आभा क्षीण एवं उनका वर्ण काला हो चुका था।

अंत में मां की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर जब भगवान शिवजी ने गंगा की पवित्र जलधारा का जल मां के ऊपर प्रवाहित किया तो वे विद्युतप्रभा के समरूप अतिशय कांतिवान हो गई और गौरवर्ण से सुशोभित दिखाई दी, तभी से आदिशक्ति महागौरी के रूप में प्रसिद्ध हुई।

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नवरात्रि के अष्टम दिवस मां की आराधना से साधक के अनेकों पाप क्षय हो जाते है। मां की आराधना उसे सन्मार्ग की ओर चलने को प्रेरित करती है। मां भगवती का यह स्वरूप अमोघ फल की प्राप्ति कराता है। माता महागौरी अत्यधिक सौंदर्यवान, कांतिवान एवं देदीप्यमान है।

मां का स्वरूप शांति एवं करुणा से पूर्ण है। वे अपने बालक की सभी इच्छाओं की पूर्ति करती है। नवरात्रि के अष्टम दिवस माता महागौरी की उपासना कंदमूल, फल, फूल, नैवेद्य एवं धूप-दीप से श्रद्धापूर्वक करें। माता के वस्त्र, आभूषण एवं इनका वाहन वृषभ भी हिम के समान सफ़ेद उज्ज्वल है।

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मां की चार भुजाए है, जिसमें अभयमुद्रा, वरमुद्रा, डमरू एवं त्रिशूल है। मां कृपावत्सल एवं सुख-संपत्ति की प्रदाता है। माता महागौरी भक्त की प्रवृत्ति को सत्य की ओर ले जाती है। इनकी आराधना, पूजा, अर्चना अलौकिक सिद्धि प्रदायी है। नवरात्रि के प्रथम दिवस हमनें दृढ़ता, द्वितीय दिवस सद्चरित्रता, तृतीय दिवस मन की एकाग्रता, चतुर्थ दिवस असीमित ऊर्जाप्रवाह व तेज, पंचम दिवस वात्सल्य एवं प्रेम, छठवे दिवस अपने भीतर की आसुरी प्रवृत्तियों का नाश, सप्तम दिवस मृत्यु के भय से मुक्ति तथा अष्टम दिवस अमोघ शक्ति एवं सुख-संपत्ति प्राप्त की है।

मां ने भी घोर तपस्या एवं कठिन साधना से शिवजी को प्राप्त किया। अतः जीवन में किसी भी लक्ष्य प्राप्ति के लिए कठिन साधना आवश्यक है, पर मां का आशीर्वाद एवं कृपाप्राप्ति साधक को अपने लक्ष्य की ओर शीघ्रता से ले जा सकता है, इसलिए पूर्ण भक्तिभाव से मां महागौरी का ध्यान करें।

डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

(Zolpidem)


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