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ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: विजया एकादशी पर जानिए आज 24 फरवरी के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang 24 february 2025: आज 24 फरवरी को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आइए जानते हैं, 24 फरवरी का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Feb 23, 2025 22:59

Aaj Ka Panchang 24 february 2025: आज 24 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का ग्यारहवां दिन है यानी आज इस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 26 मिनट 25 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 32 मिनट 34 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 24 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि: आज फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01:44 PM तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरु हो जाएगी। एकादशी तिथि एक नन्दा तिथि तिथि है, जिसके स्वामी विश्वदेव हैं और इस दिन का स्वभाव आनंदप्रद होता है। इसलिए एकादशी एक शुभ तिथि होती है।

नक्षत्र: आज 06:59 PM तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र व्याप्त रहेगी। इसके बाद उत्तराषाढा नक्षत्र शुरू होगी। पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढा दोनों ही नक्षत्र शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है, इसलिए यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।

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दिन/वार: सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। साथ ही, सोमवार को नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित माना जाता है, जिससे यह दिन भक्तों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

योग: आज शाम के 10:05 AM तक सिद्धि योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद व्यतिपात योग का असर कायम रहेगा। सिद्धि एक योग शुभ माना गया है, जबकि व्यतिपात एक अशुभ योग है।

करण: आज के दिन 01:44 PM तक बालव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी, जो 25 फरवरी को 01:21 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद तैतिल करण आरंभ हो जाएगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।

चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा धनु राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं। राशि में चंद्रमा 25 फरवरी की 12:56 AM तक रहेंगे, फिर मकर राशि में गोचर कर जाएंगे।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:11 AM से 06:01 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:36 AM से 06:51 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:12 PM से 12:57 PM

विजय मुहूर्त: 02:29 PM से 03:15 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:15 PM से 06:40 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:18 PM से 07:33 PM

अमृत काल: 02:07 PM से 03:45 PM

निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 25 से 12:59 AM, फरवरी 25

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 04:51 PM से 06:17 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

राहुकाल: 08:17 AM से 09:43 AM

यमगंड: 11:09 AM से 12:34 PM

गुलिक काल: 02:00 PM से 03:26 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 02:49 AM, फरवरी 25 से 04:23 AM, फरवरी 25

दुर्मुहूर्त काल: 12:57 PM से 01:43 PM

24 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार

आज फाल्गुन माह की एकादशी तिथि है और दिन सोमवार है। सोमवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष महत्व रखता है। भक्तगण इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवजी की पूजा, रुद्राभिषेक, व्रत और भजन-कीर्तन करते हैं, ताकि उनकी कृपा प्राप्त कर सकें।

सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से होता है, जो मन और भावनाओं के कारक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवजी की उपासना करने से मन की शांति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। धार्मिक ग्रंथों, विशेष रूप से शिवपुराण में, सोमवार व्रत के महत्व का विस्तार से उल्लेख किया गया है। यह व्रत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि को बनाए रखने में सहायक होता है।

आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं, बल्कि जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बन सकें।

पंचांग के पाँच प्रमुख अंग—वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण—का ध्यान रखकर यदि महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। हिंदू संस्कृति में विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा जैसे शुभ कार्यों को पंचांग के अनुसार करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।

 

पंचांग न केवल शुभ मुहूर्त बताने का माध्यम है, बल्कि यह हमारी निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है, जिससे जीवन अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत बनता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Feb 23, 2025 10:59 PM

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