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ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: आज मासिक जन्माष्टमी और शबरी जयंती पर जानिए 20 फरवरी 2025 के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang 20 February 2025: आज 20 फरवरी को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आइए जानते हैं, 20 फरवरी का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Feb 20, 2025 23:28
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Aaj Ka Panchang 20 February 2025: आज 20 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का आठवां दिन है यानी आज इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 19 मिनट 52 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 39 मिनट 11 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 20 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि: आज फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि सुबह  में 09:58 AM तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरु हो जाएगी, जो पूरे दिन और रात रहेगी। अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं और यह एक जया तिथि है। हालांकि, इस तिथि का स्वभाव संघर्षपूर्ण माना गया है, फिर भी यह तिथि शुभ मानी जाती है।

नक्षत्र: आज 01:30 PM तक विशाखा नक्षत्र व्याप्त रहेगी। इसके बाद अनुराधा नक्षत्र शुरू होगी। विशाखा और अनुराधा दोनों ही नक्षत्र शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है, इसलिए यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।

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दिन/वार: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। साथ ही, यह दिन नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इसलिए, बृहस्पति ग्रह की कृपा और शांति प्राप्त करने के लिए इस दिन विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं।

योग: आज शाम के 11:34 AM तक ध्रुव योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद व्याघात योग का असर कायम रहेगा। वृद्धि योग शुभ माना गया है, जबकि व्याघात एक अशुभ योग है।

इसके साथ ही आज इन योगों का संयोग सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग से हो रहा है, जिसका समय आप नीचे शुभ मुहूर्त कैटेगरी में देख सकते हैं।

करण: आज के दिन 09:58 AM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो 20 फरवरी को 11:02 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद कौलव करण आरंभ हो जाएगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।

चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा वृश्चिक में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल ग्रह हैं।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:14 AM से 06:04 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:39 AM से 06:55 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:12 PM से 12:58 PM

विजय मुहूर्त: 02:28 PM से 03:14 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:12 PM से 06:38 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:15 PM से 07:31 PM

अमृत काल: 04:27 AM, फरवरी 21 से 06:13 AM, फरवरी 21

निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 21 से 01:00 AM, फरवरी 21

सर्वार्थ सिद्धि योग: 01:30 PM से 06:54 AM, फरवरी 21

रवि योग: 06:55 AM से 01:30 PM

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 02:00 PM से 03:25 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 06:55 AM से 08:20 AM

गुलिक काल: 09:45 AM से 11:10 AM

दुर्मुहूर्त काल: 10:42 AM से 11:27 AM और 03:14 PM से 03:59 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 05:54 PM से 07:40 PM

20 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार

आज फाल्गुन माह की अष्टमी तिथि है और दिन गुरुवार है। आज भगवान भैरव की आराधना का कालाष्टमी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा मासिक कृष्ण जनमाष्टमी व्रत है। इसके साथ ही, आज शबरी जयंती भी है। चूंकि कल सप्तमी तिथि सूर्योदय के बाद आरंभ हुई थी और आज सप्तमी तिथि सूर्योदय के बाद भी व्याप्त है, इसलिए शबरी जयंती आज मनाई जा रही है।

गुरुवार का व्रत: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में विष्णु जी को सृष्टि के पालनकर्ता और भक्तों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। इसके साथ ही, गुरुवार देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है, जो नवग्रहों में ज्ञान, बुद्धि, धर्म, आस्था और संतान सुख प्रदान करने वाले ग्रह माने जाते हैं। इस दिन बृहस्पति देव की पूजा करने से विद्या, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज दक्षिण दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर मात्र नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो जीवन को सफल और समृद्ध बनाने में सहायक होता है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की शिक्षा देता है, जिससे हम सही समय पर उचित निर्णय ले सकें। पंचांग के अनुसार कार्य करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।

सबसे पहले, यह शुभ समय के चयन में सहायक होता है। विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत और यात्रा जैसे महत्वपूर्ण कार्य यदि सही मुहूर्त में किए जाएँ, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, पंचांग के ज्ञान से हमारी निर्णय क्षमता मजबूत होती है, जिससे जीवन अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत बनता है। यह हमें प्राकृतिक और खगोलीय संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है, जिससे हम ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ सामंजस्य स्थापित कर सकें और जीवन सकारात्मक दिशा में आगे बढ़े।

सही समय पर लिए गए निर्णय जीवन को अधिक सुखद और समृद्ध बना सकते हैं, और पंचांग इस दिशा में एक प्रभावी साधन साबित होता है। इस प्रकार, पंचांग केवल एक पंचांग नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित, सफल और समृद्ध बनाने का एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमें सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Feb 20, 2025 12:11 AM

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