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ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: रंगोत्सव होली पर जानिए आज 14 मार्च के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang: आज 14 मार्च को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। आइए जानते हैं, 14 मार्च का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Mar 13, 2025 22:38
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Aaj Ka Panchang: आज 14 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 30वां दिन है और आज इस माह की पूर्णिमा तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 56 मिनट 57 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 01 मिनट 54 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 14 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है, जो 12:23 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरु हो जाएगी। पूर्णिमा तिथि एक पूर्णा तिथि है, जिसके स्वामी भगवान चंद्रमा हैं और इस दिन का स्वभाव सौम्य होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।

नक्षत्र: आज दिन भर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र व्याप्त रहेगी, जो 14 मार्च की रात  तक कायम रहेगी। इसके बाद हस्त नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।

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दिन/वार: आज शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और दैत्यगुरु शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों और शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुभ माना जाता है।

योग: आज 01:24 PM तक शूल योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग नहीं है। इसके बाद गंड योग की शुरुआत होगी, यह भी एक शुभ योग नहीं है।

करण: आज 12:23 PM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो 15 मार्च की 01:26 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद कौलव करण आरंभ हो जाएगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य आज 06:59 PM तक कुंभ राशि में गोचर करेंगे, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है। इसके बाद सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज 12:56 PM तक सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं, जो सूर्य ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है। इसके बाद वे कन्या राशि में गोचर कर जाएंगे।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:55 AM से 05:44 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:20 AM से 06:32 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:07 PM से 12:54 PM

विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:18 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:26 PM से 06:51 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:29 PM से 07:41 PM

अमृत काल: 12:56 AM, मार्च 15 से 02:42 AM, मार्च 15

निशिता मुहूर्त: 12:06 AM, मार्च 15 से 12:54 AM, मार्च 15

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 11:01 AM से 12:30 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 03:30 PM से 04:59 PM

गुलिक काल: 08:02 AM से 09:31 AM

दुर्मुहूर्त  काल: 08:55 AM से 09:43 AM और 12:54 PM से 01:42 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 02:18 PM से 04:04 PM

14 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार

शुक्रवार का व्रत: आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है और दिन शुक्रवार है। आज का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और शुक्र ग्रह को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि वे धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसके साथ ही, इस दिन मां दुर्गा और मां संतोषी की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति प्राप्त होती है।

होली 2025: होली हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और प्रेम व सौहार्द का प्रतीक है। यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन होता है, जो अहंकार और नकारात्मकता के अंत का प्रतीक है। दूसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है, जिसमें लोग प्रेमपूर्वक एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। यह पर्व आपसी भाईचारे और आनंद का संदेश देता है।

चैतन्य महाप्रभु जयंती: इसे दोल पूर्णिमा भी कहते हैं। आज ही दिन चैतन्य महाप्रभु की जयंती भी मनाई जाती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के 5 प्रमुख अंग

पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Mar 13, 2025 10:35 PM

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