Aaj Ka Panchang 26 May 2025: आज 26 मई, 2025 को ज्येष्ठ माह का चौदहवां दिन है और आज इस माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 46 मिनट 07 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 13 मिनट 32 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का पूर्वार्ध काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 26 मई के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि
आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो 26 मई की 12:11 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी।
चतुर्दशी तिथि एक रिक्ता तिथि है, जिसके स्वामी भगवान शिव हैं और इसका स्वभाव आक्रामक है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।
नक्षत्र
आज भरणी नक्षत्र 08:23 AM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र नहीं है। इसके बाद कृत्तिका नक्षत्र शुरू होगी, यह भी एक शुभ नक्षत्र नहीं है।
दिन/वार
दिन/वार: आज दिन सोमवार है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही, सोमवार को नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित दिन माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
योग
आज शोभन योग है, जो 26 मई की 07:02 AM तक व्याप्त रहेगा, यह एक शुभ योग है। इसके बाद अतिगंड योग की शुरुआत होगी, जो 27 मई की 02:55 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद सुकर्मा योग की शुरुआत होगी।
करण
आज 12:11 PM तक शकुनि करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद चतुष्पाद करण की शुरुआत होगी, जो 26 मई की 10:21 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद नाग करण शुरू होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा मेष राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल हैं। वे इस राशि में 01:40 PM तक तक ही रहेंगे और फिर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:03 AM से 04:44 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:24 AM से 05:25 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:51 AM से 12:46 PM
विजय मुहूर्त: 02:36 PM से 03:31 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:10 PM से 07:31 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:11 PM से 08:13 PM
अमृत काल: 03:25 AM, मई 27 से 04:50 AM, मई 27
निशिता मुहूर्त: 11:58 PM से 12:39 AM, मई 27
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 05:28 PM से 07:11 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
राहुकाल: 07:09 AM से 08:52 AM
यमगण्ड: 10:35 AM से 12:18 PM
गुलिक काल: 02:02 PM से 03:45 PM
दुर्मुहूर्त काल: 12:46 PM से 01:41 PM और 03:31 PM से 04:26 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 06:58 PM से 08:22 PM
26 मई 2025 के पर्व और त्योहार
आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है और दिन सोमवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। सोमवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके साथ ही सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से है, जो मन और भावनाओं के कारक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवजी की उपासना करने से मन की शांति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
वट सावित्री व्रत: वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुखमय वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। यह व्रत सावित्री और सत्यवान की पौराणिक कथा पर आधारित है, जिसमें सावित्री ने अपने बुद्धि कौशल से यमराज से अपने पति की जान को बचाया था और मृत्यु के मुख से वापस खींच लाया था।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।