---विज्ञापन---

देश

7 मिनट, 4 ड्रोन, 24 मिसाइलें और…एयर स्ट्राइक के लिए भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को ही क्यों चुना?

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और POK आतंकी ठिकानों का ध्वस्त किया है। वायुसेना ने करीब 9 ठिकाने टारगेट किए हैं, आइए उनके बारे में जानते हैं...

Author Edited By : Vijay Updated: May 7, 2025 13:42
Opreation Sidhoor Air strike
Opreation Sidhoor Air strike

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) में घुसकर 7 मिनट के अंदर 4 ड्रोन से 24 मिसाइलें दागकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। एयर स्ट्राइक में जिन ठिकानों को निशाना बनाया, वे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण शिविरों और लॉन्चपैड के रूप में उपयोग किए जाते थे।

इन ठिकानों में पीओके के कोटली, बरनाला कैंप, सरजाल कैंप, महमूना कैंप, बिलाल और पाकिस्तान के मुरीदके, बहावलपुर, गुलपुर, सवाई कैंप शामिल हैं। इन ठिकानों को चुनने के पीछे निम्नलिखित संभावित कारण हो सकते हैं। एयर स्ट्राइक में यह खास ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान का कोई सैन्य ठिकाना इसकी जद में न आए। भारत ने इस मामले में संयम बरता और सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया।

---विज्ञापन---

 

आतंकवादी अड्डों के ठिकाने

भारत ने पाकिस्तान और पीओके के जिन ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, इसमें आतंकी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर के ठिकाने शामिल हैं। पीओके के कोटली, बरनाला कैंप, सरजाल कैंप, महमूना कैंप, बिलाल जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुख गढ़ माने जाते हैं।

इन जगहों का इस्तेमाल आतंकी प्रशिक्षण शिविरों, हथियार भंडारण, और घुसपैठ के लिए लॉन्चपैड के रूप में उपयोग किए जाते हैं। इन ठिकानों को खास तौर पर इसलिए चुना गया क्योंकि इनका सीधा संबंध हमले की साजिश और उसे अंजाम देने वाले आतंकियों से था।

 

पीओके के इन ठिकानों पर हमला

पीओके का कोटली कैंप राजौरी के सामने एलओसी से 15 किमी दूर लश्कर का प्रमुख अड्डा बताया जाता है। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के हमलावरों का शिविर बताया जाता है। इसमें लगभग 50 आतंकवादियों की क्षमता बताई गई है।

बिलाल कैंप को जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड और राजौरी के सामने एलओसी से 10 किमी दूर बरनाला कैंप को भी निशाना बनाया गया है। सांबा-कठुआ के सामने अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 8 किमी दूर जैश-ए-मोहम्मद के सरजाल कैंप पर भी हमला हुआ। अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी दूर, सियालकोट के पास महमूना कैंप पर भी हमला हुआ।

सवई नाला, PoK के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास एक क्षेत्र है, जो आतंकी गतिविधियों और घुसपैठ के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के लिए लॉन्चपैड के रूप में उपयोग किया जाता है।

पाकिस्तान के ये 3 क्षेत्र रहे निशाने पर

बहावलपुर को JeM का मुख्यालय माना जाता है, जिसकी स्थापना मसूद अजहर ने 1999 में IC-814 विमान अपहरण के बाद रिहाई के बाद की थी। यह जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख केंद्र रहा है, और हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। ऑपरेशन सिंदूर ने इस क्षेत्र में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, जिससे स्थानीय स्तर पर अशांति और दहशत फैली।

वहींमुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात मुख्यालय और प्रशिक्षण केंद्र स्थित है, जिसे अक्सर “जमात-उद-दावा” के नाम से छिपाने की कोशिश की जाती है। यह केंद्र आतंकियों के प्रशिक्षण, हथियार भंडारण, और हमलों की योजना बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

गुलपुर सेक्टर नियंत्रण रेखा के करीब है, और यह क्षेत्र आतंकियों के लिए घुसपैठ के प्रमुख मार्गों में से एक रहा है। पाकिस्तान की ओर से समर्थित आतंकी संगठन, जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM), इस क्षेत्र का उपयोग भारत में हमलों के लिए लॉन्चपैड के रूप में करते हैं।

 

रणनीतिक महत्व

जिन ठिकानों पर हमला किया गया, वे भारत की सीमा के करीब हैं और इनसे घुसपैठ और हमलों की योजना बनाना आसान होता है। इन्हें निशाना बनाकर भारत ने आतंकियों की आपूर्ति श्रृंखला और गतिविधियों को बाधित करने का लक्ष्य रखा। उदाहरण के लिए, कोटली और सियालकोट जैसे क्षेत्र आतंकी गतिविधियों के लिए कुख्यात हैं।

खुफिया जानकारी की सटीकता: भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने इन ठिकानों को सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर चुना। ऑपरेशन की योजना को रणनीतिक रूप से तैयार किया गया था ताकि केवल आतंकी ढांचे को नुकसान पहुंचे और नागरिकों या पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना न बनाया जाए।

प्रतीकात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव: ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ और इन विशिष्ट ठिकानों का चयन आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को दर्शाता है। ये हमले आतंकियों और उनके समर्थकों के लिए एक चेतावनी थे कि भारत आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

सैन्य क्षमता का प्रदर्शन: इन ठिकानों को चुनकर भारत ने अपनी सैन्य और तकनीकी क्षमता, जैसे कि सटीक हवाई हमले और ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों (जैसे लॉइटरिंग म्यूनिशन) का उपयोग करके, अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।

HISTORY

Edited By

Vijay

First published on: May 07, 2025 06:57 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें